नई दिल्ली । घर के मुख्य दरवाजे के पास सुशील की भतीजी मोनिका मंगलवार दोपहर 12 बजे के आसपास सफाई कर रही होती है। उसी दौरान हड़बड़ाते हुए पुलिस की टीम घर के दरवाजे पर दस्तक देती और उससे कहती है तुम्हारे घर में हत्याएं हुई है। यह सुनकर युवती सहम जाती है और दबे लफ्जों में पुलिस से कहती है सर लगता है किसी ने पुलिस के साथ मजाक (प्रैंक) किया है। पुलिस उससे कहती है यह मजाक नहीं हकीकत है, इतना सुनते ही उसके चेहरे की हवाइयां उड़ जाती है। बच्ची को साइड कर पुलिस घर में घुसती है और सर्च आपरेशन चलाती है। भू-तल से जांच करते हुए पहली मंजिल पर पहुंचती है सब कुछ ठीक मिलता है, जैस ही दूसरी मंजिल पर जाती है सीढियों का दरवाजा अंदर से बंद मिलता है।
तभी पुलिस को लगता है जो सूचना मिली है वह ठीक है। बिना देरी किए पुलिस दरवाजा तोड़कर ऊपर पहुंचती है। दो कमरों में शव पड़े मिलते हैं। एक बच्चा तड़प रहा होता है, पुलिस उसे गोदी में लेती है और पड़ोसियों के साथ उसे अस्पताल लेकर जाती है। कमरे में एक कंप्यूटर रख मिलता है, जिसकी स्क्रीन चालू थी। पुलिस ने देखा गूगल पर फंदे से लटककर खुदकुशी करने के तरीके सर्च किए हुए थे। जिस वक्त वारदात हुई उस वक्त घर में सुशील की भाभी व दो भतीजे व दो भतीजी थी। किसी को कुछ पता नहीं चला। सभी को ताज्जुब है कि एक शख्स घर में चाकू से गला काटकर पत्नी व बेटी की हत्या कर खुदकुशी कर लेता है, घर में मौजूद सदस्यों को कानों कान भनक तक नहीं लगती। वारदात का तब पता चलता है जब पुलिस घर पर पहुंचती है। सुशील और अनुराधा का प्रेम विवाह हुआ था। अनुराधा ने आइटीआइ से डिप्लोमा किया हुआ था। सुशील संयुक्त परिवार के साथ एक ही घर में रहता था। उसकी अपने भाइयों के परिवार से बनती नहीं थी। छोटी-छोटी बातों पर अनबन चल रही थी।
मौजूदा समय में उसके भाइयों के परिवार को यह मतलब ही नहीं था कि सुशील व उसका परिवार क्या कर रहा है। उसके भाई का परिवार उसके कमरे में नहीं जाते थे। यही वजह है कि परिवार के सदस्यों को अगर चिल्लाने की आवाज भी आई होगी तो उन्होंने अनदेखा कर दिया होगा। उसके भाई सुनील ने कहा कि वह बिमा एजेंट है, वह सुबह ही नौकरी पर चला गया था। उसके बेटे ने फोन कर उसे वारदात के बारे में बताया। उसने अपने भाई को सोमवार को देखा था। उन्हें नहीं पता कि उनके भाई ने किससे कितना कर्जा कब और क्यों लिया था। पुलिस को वारदात की सूचना देने वाले लोनी निवासी व मेट्रो के कर्मचारी सुधीर का कहना है कि उनकी पत्नी की तबीयत खराब थी, उसे अस्पताल लेकर जाना था। उन्होंने छुट्टी के लिए अपने सुपरवाइजर को काल किया तो उसने परिवार की हत्या के बारे में बताया। इतना सुनकर उनके पैरों के तले जमीन खीसक गई। उन्होंने वारदात की सूचना पहले मेट्रो में अपने कार्यालय को दी और वहां से उसके घर का पता लेकर पुलिस को सूचना दी।