HomeNational Newsस्वामी प्रसाद मौर्य की बसपा में हो सकती हैं वापसी

स्वामी प्रसाद मौर्य की बसपा में हो सकती हैं वापसी

कुशीनगर। राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी (आरएसएसपी) के मुखिया स्वामी प्रसाद मौर्य की बसपा में वापसी हो सकती हैं। राजनीतिक हल्कों ने चर्चा है कि जल्द ही स्वामी बहुजन समाज पार्टी के सिम्बल पर कुशीनगर लोकसभा सीट से चुनाव लड़ सकते हैं। यही वजह है कि नामांकन के कुछ दिन ही बचे और बसपा सुप्रीमो मायावती ने कुशीनगर सीट होल्ड कर रखी है। ऐसा माना जा रहा है कि बसपा यहां से बड़े फैसले का एलान कर सकती हैं। पार्टी ने इस मसले में अभी चुप्पी साध रखी है। बसपा उत्तरप्रदेश की सभी 80 सीटों पर चुनाव लड़ रही है। उसने 78 सीटों पर अपने उम्मीदवार भी घोषित कर दिए हैं। देवरिया और कुशीनगर सीट पर प्रत्याशियों का मंथन तेज है।

इसमें कुशीनगर सीट होल्ड पर है। इस सीट पर स्वामी प्रसाद मौर्य से चल रही अंदरुनी बात के परिणामों का इंतजार किया जा रहा है। वहीं बसपा और आरएसएसपी का चुनाव में क्या रोल रहेगा इन मुद्दों पर रणनीति बनाई जा रही हैं। इसके बाद अंतिम फैसला बसपा चीफ मायावती करेंगी। कुशीनगर में सात मई से नामांकन पत्र दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू होगी। अपने विवादित बयानों के चलते सुर्खियों में रहने वाले स्वामी प्रसाद मौर्य अपना सियासी ठिकाना बदलने के लिए भी जाने जाते हैं। 2016 में बसपा प्रमुख पर कई आरोप लगाकर पार्टी को अलविदा कहने वाले स्वामी अब फिर हाथी की सवारी करने को बेताब हैं। स्वामी ने 1980 के दशक से लोकदल से राजनीति शुरू की। इसके बाद स्वामी 1991-1995 तक जनता दल के प्रदेश महासचिव रहे। 1996 में वह बसपा में आए फिर यहीं से उनके सियासत की असली कहानी शुरू हुई।

साल 1997 में ही वह बसपा-बीजेपी गठबंधन की सरकार में मंत्री बने. इसके बाद 2001 में वह नेता प्रतिपक्ष नियुक्त किए गए. 2002 में वह पडरौना से विधायक चुने गए. इस दौरान साल 2002-2003 में बसपा सरकार में मंत्री बने. बसपा सरकार गिरने के बाद वह मायावती ने उन्हें नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी दी. साल 2007 में जब बसपा ने यूपी में प्रचंड बहुमत हासिल किया तब स्वामी फिर मंत्री बने और साल 2012 तक पद पर बने रहे. 2012 में बसपा चुनाव हार गई, हालांकि स्वामी अपना चुनाव जीतकर नेता प्रतिपक्ष बने। 2022 के चुनाव के पहले वह समाजवादी पार्टी में आ गए लेकिन अपना ही चुनाव हार गए। फिर भी सपा ने उन्हें विधान परिषद भेजा। इसके बाद सपा से मनमुटाव बढ़ा और लोकसभा चुनाव 2024 से पहले राष्ट्रीय शोषित समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष बने। बसपा यूपी पके अध्यक्ष विश्वनाथ पाल ने कहा कि स्वामी प्रसाद मौर्य बड़े नेता हैं उनके बारे में जो फैसला होगा, वह बहन जी ही करेंगी।

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