चंडीगढ़ : पंजाब राजभवन में मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश का स्थापना दिवस बड़े ही उत्साह के साथ मनाया गया जिस दौरान पूरा राजभवन दोनों प्रदेशों की जीवंत संस्कृतियों और परंपराओं से गूंज उठा। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता को बढ़ावा देने और देश भर में विविध संस्कृतियों के बीच एकता की भावना को मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। इस कार्यक्रम में पंजाब के राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित की उपस्थित ने इस अवसर की शोभा बढ़ाई। राज्यपाल ने पूरे देश में प्रत्येक राजभवन में हर राज्य का स्थापना दिवस मनाने की संकल्पना के लिए भारत के प्रधानमंत्री की दूरदर्शी सोच की सराहना की। उन्होंने कहा कि इस तरह की पहल हमारे राष्ट्र के ताने-बाने को मजबूत करने और इसके नागरिकों के बीच ‘‘एक भारत, श्रेष्ठ भारत’’ की भावना पैदा करने में सहायक होती है।
कार्यक्रम में बोलते हुए, राज्यपाल ने भारत की सांस्कृतिक विविधता की दिशा में मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत और अपार योगदान पर प्रकाश डाला। उन्होंने प्रत्येक राज्य की विशिष्ट पहचान और इतिहास का जश्न मनाने और इनका सम्मान करने के महत्व को समझाया, जो देश की विविधता में एकता के अभिन्न अंग हैं।राज्य दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित सांस्कृतिक कार्यक्रम में मिजोरम और अरुणाचल प्रदेश की जीवंत परंपराओं, लोक नृत्यों और संगीत की एक मनमोहक प्रस्तुति भी पेश की गई जिसने उपस्थित मेहमानों को मंत्रमुग्ध कर दिया। इस सांस्कृतिक प्रस्तुति ने इन दोनों राज्यों की परंपरा और लोकाचार को उजागर किया और लोगों के दिलों पर उनकी समृद्ध सांस्कृतिक विरासत की अनूठी छाप छोड़ी।
इस दौरान मिजोरम और अरूणाचल प्रदेश के राज्यपालों के वीडियो संदेश भी सुनाए गए और दोनों राज्यों से जुड़ी डॉक्यूमेंटरी फिल्में भी दिखाई गईं। इस अवसर पर उपस्थित प्रमुख लोगों में डॉ. विजय सिंगला, सुखविन्दर सिंह कोटली (दोनों विधायक), भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल सत्यपाल जैन, पंजाब के राज्यपाल के अतिरिक्त मुख्य सचिव के. शिवा प्रसाद आईएएस, प्रशासक यूटी चंडीगढ़ के सलाहकार राजीव वर्मा, पूर्व अध्यक्ष भाजपा चंडीगढ़ संजय टंडन और पंजाब एवं यूटी चंडीगढ़ के अन्य सिविल व पुलिस अधिकारी शामिल थे।