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पढ़ाई में बच्चे ऐसे होंगे बेहतर

Lifestyle : सभी अभिभावक चाहते हैं कि उनके बच्चे पढ़ाई में सबसे आगे रहें और इसके लिए वह बच्चों से हमेशा पढ़ने को कहते हैं पर केवल पढ़ाई से ही बच्चे आगे नहीं बढ़ सकते। पढ़ाई में बच्चों का प्रदर्शन बेहतर करने के लिए सिर्फ मेहनत, दिल लगाकर पढ़ाई और सही खान-पान ही जरूरी नहीं है, बल्कि कुछ और बातों का भी अभिभावक ध्यान रखें। बच्चे को बेहतर स्मरण शक्ति और दिमाग को तरोताजा रखने के लिए इस प्रकार के आहार दें।

ओमेगा थ्री – बच्चे को ओमेगा थ्री फैटी ऐसिड की बहुत जरूरत पड़ती है। यह दिमाग को सही तरह से काम करने और फोकस करवाने में मदद करता है। इसकी मदद से बच्चे को चीजें जल्दी याद होती हैं। ऑइली फिश इसका अच्छा सोर्स है। इसके साथ ही, ऑलिव ऑइल और सीफूड में भी ओमेगा थ्री फैटी एसिड होता है।आयरन और विटामिन बी बच्वे को फिजिकल और मेंटली एनर्जेटिक बनाए रखता है, जिससे वह पढ़ाई में ध्यान लगा पाता है। आयरन अनाज, रेड मीट और पालक में खासी तादाद में पाया जाता है। विटामिन बी की मात्रा आप बच्चे में बादाम, अनाज, सेब और अंडे से पूरी कर सकती हैं।

ज़िंक – बच्चे की याद रखने में दिक्कत आती है, तो ऐसी चीजें दें जिनमें जिंक हो। इसे सी फूड, ओट्स और अंकुरित चनों के जरिए पाया जा सकता है। जिंक हमारे इम्यून सिस्टम को भी दुरुस्त रखता है और साथ ही बच्चे को हेल्दी भी रखता है। शरीर में इसकी सही तादाद रहने से बच्चा जो भी पढ़ता है, उसे याद रहता है।

कॉफी को कहें न – कॉफी में कैफीन काफी मात्रा में होता है, जिस कारण फोकस तो बनता है, लेकिन हमें भूख नहीं लगती और धीरे-धीरे उर्जा का स्तर कम होने लगता है।

कार्बोहाइड्रेट्स से बढ़ती है एकाग्रता – कार्बोहाइड्रेट्स हमारी बॉडी में फ्यूल की तरह काम करते हैं। कम समय में एनर्जी के लिए कार्बोहाइड्रेट्स लेना सबसे उत्तम रहता है, क्योंकि यह ग्लूकोज को एनर्जी में तब्दील करके उसे दिमाग तक पहुंचाता हैं। इससे एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलती है। कार्बोहाइड्रेट को सेब, नाशपाती, जामुन, आलू, गाजर, सलाद और ब्राउन ब्रेड के जरिए पाया जा सकता है।

टाइम मैनेज करना बतायें – बच्चों की परफॉर्मेंस सुधारने के लिए अभिभावक उनको टाइम मैनेज करने में मदद कर सकते हैं। चाहे तो उनके लिए एक टाइम टेबल तैयार कर दें। यह टाइम टेबल इस हिसाब से हो कि उसमें पढ़ाई के अलावा, खेलने-कूदने और खाने-पीने की सही टाइमिंग भी हो।बच्चे को अगर कोई विषय समझने में दिक्कत हो तो उसे समझाएं। उसकी प्रॉब्लम को समझने की कोशिश करें। अगर उसे तब भी समझ न आए तो ट्यूशन्स की मदद लें। हालांकि यह देख लें कि वह ट्यूशन सिर्फ खानापूर्ति का न हो।

बच्चा जब पढ़ाई करे तो उसे अकेला न छोड़ें, बल्कि उसके साथ ही बैठें या फिर बीच-बीच में उससे मिलते रहें। ऐसा करने से बच्चा पढ़ाई के बीच में बोर नहीं होगा और उसका मन लगा रहेगा।एक और बात हमेशा ध्यान रखें। अगर आपका बच्चा पढ़ाई में अच्छा नहीं है या फिर अच्छा स्कोर नहीं कर पाया है तो उसकी तुलना अन्य बच्चों से न करें। ज्यादातर अभिभावक अपने बच्चों के कम अंक आने पर ताना देते हैं और उनकी तुलना अन्य बच्चों से करते हैं। ऐसा भूलकर भी करें। इससे बच्चे का आत्मविश्वास को गिरता ही है साथ ही उसकी परफॉर्मेंस भी गिर जाती है।

बादाम का दूध : बादाम दूध याद्दाश्त बढ़ाने का सबसे कारगर नुस्खा माना जाता है। बादाम में पाया जाने वाला प्रोटीन संज्ञानात्मक क्षमता को बढ़ाने में मददगार होता है। उबले दूध में कुछ बादाम पीसकर डाल लें और हर रोज इसे बच्चे को पीने के लिए दें। बादाम में मौजूद विटामिन ई दिमाग की कोशिकाओं को एक्टिव रखता है और याद्दाश्त को मजबूत बनाता है।

ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी : ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी में पाए जाने वाले एंटी-ऑक्सीडेंट्स दिमाग की कोशिकाओं को क्षततिग्रस्त होने से बचाते हैं। इसके अलावा इनमें मौजूद विटामिन ई मेमोरी पॉवर बढ़ाने में सहायक होती है। इसलिए कुछ ब्लूबेरी और स्ट्रॉबेरी को पीसकर एक कप दही और दूध के साथ मिलाकर पीस लें। अब इसे अपने बच्चे को पीने के लिए दें।

डार्क चॉकलेट शेक : अगर आप अपने बच्चे की एकाग्रता और उसके समस्याओं के सुलझाने का कौशल बढ़ाना चाहते हैं तो उसे हर रोज डार्क चॉकलेट शेक पीने के लिए दें। यह ब्लड प्रेशर को कम रखता है और दिल में रक्त संचार को दुरुस्त करता है। इसके अलावा शेक में इस्तेमाल होने वाला दूध दिमाग के लिए आवश्यक पोषक तत्वों से भरपूर होता है। ऐसे में परीक्षाओं के दौरान यह बच्चों के लिए लाभदेह पेय हो सकता है।

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