चंडीगढ़ – हरियाणा के उपमुख्यमंत्री दुष्यंत चौटाला ने कहा कि जिन किसानों की फसलों को बाढ़ एवं ज्यादा बारिश से नुकसान हुआ है , उसका आंकलन करके सात सितम्बर 2023 तक किसानों के बैंक खातों में क्षतिपूर्ति की धनराशि भेज दी जाएगी। डिप्टी सीएम , जिनके पास राजस्व एवं आपदा प्रबंधन का प्रभार भी है, हरियाणा -निवास में पत्रकार वार्ता के दौरान यह जानकारी दी है।
दुष्यंत चौटाला ने बताया कि हालांकि प्रदेश में पहले भी ज्यादा बारिश होने से नुकसान हुआ है परन्तु वर्तमान सरकार ने राज्य में पहली बार बाढ़ घोषित की है ताकि प्रभावितों के नुकसान की सही भरपाई की जा सके। उन्होंने बताया कि हाल ही में आई बाढ़ के दौरान करीब 1475 गांवों में पानी जमा हुआ है। उन्होंने आगे बताया कि राज्य में करीब 4 लाख 8 हज़ार एकड़ में फसलों को बाढ़ से नुकसान पहुंचा है। अगर किसी किसान ने अपनी फसल के नुकसान की रिपोर्ट अभी तक क्षतिपूर्ति पोर्टल पर अपलोड नहीं की है तो 18 अगस्त तक पोर्टल खुला है तब तक अवश्य अपलोड करवा दें। इसके बाद नुकसान की सभी रिपोर्ट्स मिलने के बाद आंकलन किया जाएगा और 7 सितम्बर तक प्रभावित किसानों के खाते में क्षतिपूर्ति की राशि को ट्रांसफर कर दिया जाएगा।
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि राज्य सरकार ने किसान हित में तीन नए निर्णय लिए हैं , इनमें पहला ,पटवारियों की कमी को पूरा करने के लिए ( ताकि फसलों के नुकसान का आंकलन समय पर हो ) क्षतिपूर्ति सहायक लगाए जा रहे हैं। दूसरा , ज्यादा बारिश अथवा गैर -बाढ़ वाले एरिया में गिरदावरों की सहायता करने के लिए आवश्कतानुसार गिरदावर -सहायक लगाए जाएंगे। उन्होंने तीसरे अहम निर्णय के बारे में जानकारी देते हुए कहा कि यमुना नदी में बाढ़ या ज्यादा बारिश के दौरान पानी का बहाव तेज होने के कारण यमुना के साथ लगते यमुनानगर , करनाल पानीपत , सोनीपत तथा पलवल , फरीदाबाद जिला में यमुना के आस पास के खेतों की जमीन का कटाव हो जाता है जिसके कारण किसानों की फसलों का नुकसान तो होता ही है ,साथ में उनके खेतों में भारी मात्रा में गाद जमा हो जाती है।
ऐसे प्रभावित किसानों के हित में राज्य सरकार नई पॉलिसी बनाने जा रही है जिसके तहत किसान के खेत में एकत्रित हुई गाद की नीलामी की जाएगी जिसमे नीलामी से मिलने वाली 10 लाख तक की धनराशि में से एक तिहाई हिस्सा किसान का होगा और दो -तिहाई हिस्सा सरकार के खाते में चला जाएगा। इस पॉलिसी से किसान और सरकार , दोनों को फ़ायदा होगा। उन्होंने बताया कि ऐसी पॉलिसी देश में सबसे पहले हरियाणा में बनने जा रही है। दुष्यंत चौटाला ने आगे बताया कि बाढ़ से प्रदेश में 475 मकान पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हुए हैं जिनमें से 108 मकानों का क्लेम प्रभावितों को दे दिया गया है। इसके अलावा , बाढ़ के दौरान प्रदेश में 47 लोगों की जान गई है , इनमें से 40 मृतकों के परिजनों को एक करोड़ 60 लाख रुपए की सहायता राशि दे दी गई है बाकी मृतकों के मामले में रिपोर्ट मंगवाई गई है , जल्द ही उनके परिवार वालों को भी सहायता राशि भिजवा दी जाएगी।
उन्होंने यह भी जानकारी दी कि प्रदेश में 1324 सड़कों के करीब 2105 किलोमीटर एरिया में नुकसान हुआ है , इसमें कुल 338 करोड़ रुपए के नुकसान की संभावना है। इसके अलावा 14 पुलों को भी नुकसान पहुंचा है जिनको ठीक करने में 8 करोड़ की लागत आएगी। उन्होंने जानकारी दी कि बाढ़ के कारण जो सड़कें टूट गई थी और रास्ते बंद हो गये थे , उनमें से अधिकतर खोल दिए गए हैं। सड़कों को दुरुस्त करने का काम जल्द से जल्द करवाने के लिए सरकार ने 20 लाख तक लागत के छोटे कार्य एक्सईएन-एसडीओ लेवल की कमेटी और 20 लाख से एक करोड़ तक के कार्य जॉइंट टेंडर द्वारा करवाए जायेंगे। इनके अलावा एक करोड़ से अधिक लागत वाले सड़कों के कार्यों को पीडब्लूडी विभाग के इंजिनीरिंग पोर्टल के माध्यम से टेंडर आमंत्रित करके करवाए जाएंगे।
उपमुख्यमंत्री ने यह भी बताया कि इस बार आई बाढ़ में कई स्थानों पर आबादी को डूबने से बचाने के लिए सड़कों को काटना पड़ा है। भविष्य की सुविधा के लिए सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे कटाव वाले स्थानों पर सड़कों के नीचे पाइप डाले जाएंगे ताकि भविष्य में कभी पानी निकासी की जरुरत पड़े तो सड़कों को काटना न पड़े और यातायात भी बाधित नहीं होगा।