चंडीगढ़ – हरियाणा राजभवन में पश्चिम बंगाल राज्य स्थापना दिवस मनाया गया। चंडीगढ़ बंगाली ऐसोसिएशन और कालीबाड़ी मंदिर के पदाधिकारियों ने इस आयोजन में शिरकत की। हरियाणा के राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने हरियाणा प्रदेशवासियों की तरफ से पश्चिम बंगाल के सभी भाई-बहनों को पश्चिम बंगाल राज्य स्थापना दिवस की हार्दिक मुबारकबाद एवं शुभकामनाएं प्रदान की। इस दौरान राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय को कालीबाड़ी मंदिर के पदाधिकारियों ने ट्राईसिटी में रह रहे करीब 10,000 बंगाली परिवारों व 40,000 बंगाली नागरिकों की जीवनशैली से अवगत कराया।
उन्होंने राज्यपाल को बताया कि वर्ष 1970 से कालीबाड़ी में काली माता मंदिर की रजिस्टर्ड समिति कार्य कर रही है। यह समिति अनेक धार्मिक व सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित कर बंगाल की महान सभ्यता, सामाजिक, आध्यात्मिक और सांस्कृतिक विरासत को न केवल सहेजने का कार्य कर रही है बल्कि स्थानीय लोगों के सहयोग से देश की एकता एवं अखंडता को मजबूत कर आपसी सद्भाव और भाईचारे की भावना को बढ़ाने का कार्य कर रही हैं।
उन्होंने राज्यपाल को बताया कि सभी 10,000 बंगाली परिवारों को स्थानीय लोगों से उन्हें कारोबार व रोजगार में सहयोग मिलता है। हम अपने कारोबार-व्यापार में स्थानीय भाषा का प्रयोग करते है लेकिन हमारी आने वाली पीढी को बंगाली संस्कार मिले इसके लिए घर में केवल बंगाली भाषा का ही प्रयोग करते है। उन्हें कभी ऐसा महसूस नही हुआ कि वे अपने प्रदेश से दूर हरियाणा की राजधानी चंडीगढ़ में रह रहे हैं। इस अवसर पर राज्यपाल बंडारू दत्तात्रेय ने भी पश्चिम बंगाल में अपनी यात्राओं के किस्से सांझा किए। उन्होंने बताया कि वे पहली बार 1999 में पश्चिम बंगाल गए और उन्हें कालीघाट मंदिर जाने का भी अवसर मिला। उन्होंने बताया कि तेलंगाना में भी कई लाख बंगाली लोग रहते हैं।
बंडारू दत्तात्रेय ने 20 जून 1947 को स्थापित हुए इस प्रदेश की महत्वता पर प्रकाश डालते हुए कहा कि पश्चिम बंगाल की पावन धरा पर जन्मे महान देश भक्त, क्रांतिकारी एवं स्वतंत्रता सेनानी नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, जगदीश चन्द्र वसु, सत्यजित राय, श्यामा प्रसाद मुखर्जी, नोबेल पुरस्कार विजेता रवींद्रनाथ टैगोर, सत्येन्द्र नाथ बोस, राजा राममोहन राय, विपिन चंद्रपाल जैसी महान विभूतियां, जोकि हमारे राष्ट्र का गौरव है और उनका जंग-ए-आजादी और राष्ट्र के नव-निर्माण में अभूतपूर्व योगदान रहा है।
इस अवसर पर राज्यपाल के सचिव अतुल द्विवेदी, एडीसी मोहन कृष्णा पी, महासचिव राजेश राय, अध्यक्ष प्रनभ सेन, उपाध्यक्ष महेश दास, कोषाध्यक्ष बी.के. चटर्जी, संयुक्त सचिव अमृता गांगुली, संयुक्त सचिव पीयूष नंदी, कार्यालय सचिव लक्ष्मण देय व सदस्य गौतम राय, आर.के मुखर्जी, बी.एन. गोस्वामी, जे.पी. सेठ, महेन्द्र पाल मौजूद रहे।