चंडीगढ़ : किसानों की सुविधा के लिए उनको अपने हिस्से का पानी देने के लिए जल स्रोत विभाग की तरफ से किये जा रहे प्रयासों के अंतर्गत पिछले 9 महीनों में नहरी पानी के झगड़ों के 3222 केस निपटाऐ गए हैं। विभाग के पास अब कुल 5025 लम्बित मामलों में से 1614 ही रह गए हैं जिनको भी जल्द निपटाया जायेगा। यह जानकारी जल स्रोत मंत्री गुरमीत सिंह मीत हेयर ने अपनी सरकारी रिहायश में नहरी पानी के झगड़ों के कई सालों से लम्बित पड़े मामलों को निपटाने के काम की समीक्षा के लिए रखी मीटिंग के उपरांत दी। जल स्रोत मंत्री ने विभाग के अधिकारियों को कहा कि बकाया पड़े मामलों को भी जल्द निपटाया जाये जिससे किसान नहरी पानी से वंचित न रहे।
मीत हेयर ने आगे कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व वाली राज्य सरकार जहाँ किसानों को नहरी पानी पहुँचाने के लिए नहरी पानी को नैटवर्क को मज़बूत कर रही है वहीं किसानों की सुविधा के लिए उनको अपने हिस्से का पानी देना भी यकीनी बना रही है। नहरी पानी के झगड़ों के मामले निपटाने के काम पर जल स्रोत विभाग के तकनीकी अमले और राजस्व स्टाफ जिनमें पटवारी, जि़ला अधिकारी और डिप्टी कुलैकटर आदि शामिल हैं, को निगरानी पर लगाया गया है।
मीत हेयर ने बताया कि विभाग के काम की समीक्षा के दौरान उनके ध्यान में आया कि जल स्रोत विभाग के पास कई सालों से किसानों के नहरी पानी के झगड़े केस लम्बित पड़े थे। कई केस तो दशकों के लम्बित पड़े थे। विभाग की तरफ से इस काम को प्राथमिकता देते हुये ऐसे मामलों सम्बन्धी किसानों की बड़ी संख्या आवेदनों की शिनाखत की गई है और इनको पहल के आधार पर निपटाने के प्रयास किये गए। विभाग के पास कुल 5025 केस बकाया पड़े थे। इसके बाद सरकार ने हफ्तावारी आधार पर प्राप्त सभी आवेदनों की स्थिति की समीक्षा की और सिर्फ़ 9 महीनों के समय में 3222 मामलों का निपटारा किया गया। अब बकाया मामलों की संख्या कम होकर 1614 रह गई है। यह भी जल्द निपटाये जाएंगे।
जल स्रोत मंत्री ने बताया कि इस काम को तेज़ी से निपटाने के लिए जहाँ विभाग के कर्मचारियों की अधिक ज़रूरत है, वहीं दूसरे स्थानों के कर्मचारियों को काम सौंपा जा रहा है। राज्य सरकार के लिए किसानी प्रमुख प्राथमिकता है और किसानों को नहरी पानी हासिल करने में कोई दिक्कत नहीं आने दी जायेगी। मीटिंग में दूसरों के इलावा प्रमुख सचिव कृष्ण कुमार भी उपस्थित थे।