HomeNational Newsगहरी नींद में सोने जा रहे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर- इसरो...

गहरी नींद में सोने जा रहे विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर- इसरो प्रमुख ने दी जानकारी

नई दिल्ली । चंद्रमा की खोज में भारत के चंद्रयान-3 मिशन ने एक और उल्लेखनीय उपलब्धि हासिल की है। मिशन का हिस्सा प्रज्ञान रोवर चंद्रमा की सतह पर सफलतापूर्वक 100 मीटर की दूरी तय कर चुका है। यह उपलब्धि तब आई है जब भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) चंद्रमा पर सूरज की रोशनी कम होने के कारण विक्रम लैंडर और प्रज्ञान रोवर दोनों को स्लीप मोड में डालने की तैयारी कर रहा है। यानी चांद पर मौजूद चंद्रयान-3 मिशन के दोनों हिस्से चैन की नींद सोने को तैयार हैं। इसरो प्रमुख एस सोमनाथ ने सूर्य मिशन के सफल लांच के बाद इसकी घोषणा की।

सोमनाथ ने कहा कि चंद्रमा पर भेजे गए चंद्रयान-3 के रोवर और लैंडर ठीक से काम कर रहे हैं और चूंकि चंद्रमा पर अब रात हो जाएगी इसलिए इन्हें ‘‘निष्क्रिय’’ किया जाएगा। सोमनाथ ने कहा कि लैंडर ‘विक्रम’ और रोवर ‘प्रज्ञान’ अब भी काम कर रहे हैं और ‘‘हमारी टीम अब वैज्ञानिक साजो-सामान के साथ ढेर सारा काम कर रही है।’’उन्होंने कहा, अच्छी खबर यह है कि लैंडर से रोवर कम से कम 100 मीटर दूर हो गया है और हम आने वाले एक या दो दिन में इन्हें निष्क्रिय करने की प्रक्रिया शुरू करने जा रहे हैं, क्योंकि वहां (चांद पर) रात होने वाली वाली है। इसरो प्रमुख ने पहले सूर्य मिशन ‘आदित्य एल1’ का श्रीहरिकोटा स्थित अंतरिक्ष केंद्र से सफल प्रक्षेपण होने के बाद मिशन नियंत्रण केन्द्र से अपने संबोधन में यह जानकारी दी।

चंद्रयान-3 ने भारत को चंद्रमा पर सफलतापूर्वक उतरने वाला चौथा देश और चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास ऐसा करने वाला पहला देश बना दिया। मिशन का प्राथमिक उद्देश्य पानी की खोज करना और चंद्रमा की सतह की विशेषताओं का अध्ययन करना है। इससे पहले इसरो ने कहा था कि चंद्रयान-3 मिशन के रोवर प्रज्ञान पर लगे एक अन्य उपकरण ने भी एक अलग तकनीक का उपयोग करके चंद्र क्षेत्र में गंधक (सल्फर) की मौजूदगी की पुष्टि की है। इसरो ने सुरक्षित रास्ते की तलाश में घूमते रोवर का एक वीडियो भी जारी किया। इस घूर्णन प्रक्रिया का वीडियो लैंडर इमेजर कैमरे ने बनाया। इसके द्वारा किए गए सोशल मीडिया पोस्ट पर आज लोगों की निगाहें टिकी रहीं।

RELATED ARTICLES

Most Popular

Recent Comments