चंडीगढ़- हरियाणा विधान सभा के प्रथम सत्र की शुरुआत में विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण पहली बार चुनकर आए सदस्यों की लगन देख कर गदगद नजर आए। इस दौरान उन्होंने नवनिर्वाचित सदस्यों का उत्साहवर्धन करते हुए उन्हें विधायी कामकाज की बारीकियां भी बताई। विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सत्र के दौरान सदन को सदस्यों को संबोधित करते हुए कहा कि पहली बार चुने गए विधायकों का उत्साह सराहनीय है। इस लग्न और निष्ठा को ऐसे ही बनाए रखना है। उन्होंने कहा कि प्रदेश की जनता ने उन्हें बहुत ही महान दायित्व सौंपा है।
जनता की कसौटियों पर खरा उतरना उनका पहला दायित्व है। उन्होंने सदन के समय का महत्व बताते हुए कहा कि प्रत्येक सदस्य को निर्धारित समय सीमा में अपनी बात कहने का अभ्यास करना चाहिए। सदन का एक-एक क्षण जनसेवा को समर्पित होना चाहिए। उन्होंने कहा कि यह महान सदन मुख्य रूप से तीन बातों पर चलता है। पहला, भारतीय संविधान के अनुसार। दूसरा, हरियाणा विधान सभा के प्रक्रिया तथा कार्य संचालय संबंधी नियम जो अनुच्छेद 208 के अंतर्गत बने हैं। तीसरा, स्थापित संसदीय प्रथाओं के आधार पर। उन्होंने कहा कि समय समय पर अध्यक्ष द्वारा दी गई रूलिंग का भी हम सभी को अध्ययन करना चाहिए। इन्हें अपनाकर ही हम जनहित को साध सकेंगे।
कल्याण ने विश्वास जताया कि हम सब इनकी पालना कर प्रदेशवासियों की कठिनाइयों को दूर करने व उनकी आवश्यकताओं को पूरा करेंगे।विस अध्यक्ष ने कहा कि जनहित व प्रदेश तथा राष्ट्र के हितों में काम करने के लिए संविधान ने हमें दो शक्तिशाली प्लेटफार्म दिए हैं। पहला यह महान सदन तथा मिनी-हाउस माने जानी वाली सदन की समितियां। उन्होंने संकल्प दोहराया कि सभी सदस्य इन दोनों प्लेटफार्मों का प्रयोग करते हुए अपने संसदीय दायित्वों व कर्तव्यों का निर्वहन करेंगे। उन्होंने सदन को विश्वास दिलाया कि राज्य के हित और सदस्यों के अधिकारों से संबंधित प्रत्येक विषय पर गंभीरता से विचार करेंगे।
बजट सत्र से पहले होगा प्रशिक्षण – विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने सदन की कार्यवाही के दौरान 30 अक्टूबर में उपराष्ट्रपति, 6 नवंबर को लोक सभा अध्यक्ष ओम बिरला व अन्य नेताओं से हुई भेंट का भी जिक्र किया। कहा कि महामहिम से विधायी कार्यों से संबंधित अनेक महत्वपूर्ण विषयों पर चर्चा भी हुई है। उन्होंने आश्वासन दिया कि बजट सत्र से पहले विधायकों के लिए दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा।