नई दिल्ली : जूनियर एशिया कप हॉकी की विजेता भारतीय टीम के कप्तान उत्तम सिंह की नजरें अब अब पांच से 16 दिसंबर तक कुआलालंपुर में होने वाले जूनियर विश्व कप पर टिकी हैं। उत्तम के अनुसार टीम के कोच का लक्ष्य टीम को जीत की आदत डालना है। उन्होंने कहा कि सीनियर टीम के साथ खेलने से भी टीम को हौंसल बढ़ा है और उसे अपने में सुधार का अवसर मिला है।
उत्तम ने बेहद खराब आर्थिक हालतों के बाद भी यहां तक का सफर तय किया है। उत्तर प्रदेश के करमपुर जिले में उत्तम हॉकी के कारण लुधियाना अकादमी पहुंचे। उत्तम ने कहा, ‘‘मेरा परिवार 2019 तक मिट्टी से बने घर में रहा करता था, हम एक बहुत ही सामान्य जीवन जीते थे और जब मैं छात्रावास गया तब मुझे अपने छात्रावास के कमरे में पंखा और कूलर रखने का अवसर मिला था। साथ ही कहा, ‘‘मेरे माता-पिता ऐसी किसी सुविधा के बिना सोते थे और यह मुझे अच्छा नहीं लगता था। मैं चाहता था कि मेरे माता-पिता को भी सबसे अच्छी सुविधाएं मिले और मुझे पता था कि हॉकी में करियर मेरी तकदीर बदल सकता है।
उन्होंने कहा, ‘‘ एक समय मुझे लगा कि जैसे मैंने हॉकी से जुड़े रहने का गलत फैसला किया क्योंकि एक दशक तक हॉकी खेलने के बाद भी मुझे जूनियर टीम में नहीं चुना गया। उत्तम ने कहा, ‘‘लेकिन मैं अपने माता-पिता की खातिर कभी निराश नहीं हुआ, मुझे बस इतना करना था कि अगले राष्ट्रीय खेलों में बेहतर प्रदर्शन करना था। उत्तम ने आखिरकार हॉकी इंडिया राष्ट्रीय चैंपियनशिप में एयर इंडिया के लिए अपने प्रदर्शन के बल पर 2019 में भारतीय जूनियर पुरुष टीम में प्रवेश किया और तब से उनकी कप्तान में टीम सुल्तान ऑफ जोहोर कप और हाल ही में जूनियर पुरुष एशिया कप में शीर्ष पर रही।