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जब तक अहंकार का त्याग नहीं होगा, माफी की भावना पैदा नहीं होगीः गुलाब चंद कटारिया

चंडीगढ़ : आज जैन धर्म के पंजाब के चारों समाज के संत और महापुरुष अपने अनुयायियों के साथ पंजाब राज भवन के गुरू नानक आडीटोरियम में करवाए गए क्षमापना दिवस समारोह में शामिल हुए। इस समारोह में पंजाब के राज्यपाल और यू.टी. चंडीगढ़ के प्रशासक  गुलाब चंद कटारिया अपनी पत्नी श्रीमती अनीता कटारिया के साथा शामिल हुए।पंजाब के राज्यपाल और चंडीगढ़ के प्रशासक गुलाब चंद कटारिया ने कहा कि जैन धर्म का इतिहास बहुत पुराना है, जिसमें क्षमापना का बहुत महत्व है। आज के दिन के महत्व का ज़िक्र करते हुए राज्यपाल ने कहा कि क्षमापना का उद्देश्य सिर्फ़ शरीर की बाहरी शुद्धि नहीं बल्कि आत्मिक शुद्धि भी है। उन्होंने कहा कि माफी तभी संभव है जब हम अपने अहंकार को छोड़ कर सादगी के मार्ग पर चलना शुरू कर देते हैं।

उन्होंने आगे कहा कि आज के इस भौतिकवादी दौर में जब दुनिया भर में अधिक से अधिक सामग्री इकट्ठा करने की होड़ मची हुई है, उस दौर में जैन धर्म की खासियत है कि इसके मार्ग पर चलने वाले बहुत ही शिक्षित लोग करोड़ों रुपए के पैकेज त्याग कर मुक्ति के मार्ग की तरफ बढ़ते हैं।साथ ही उन्होंने कहा कि दुनिया भर में प्राकृतिक साधनों की जो लूट हो रही है, उसका सबसे बढ़िया हल भगवान महावीर जी द्वारा जैन धर्म में दिखाया गया है, जिसके मार्ग पर चलने वाले सिर्फ़ ज़रूरत अनुसार ही प्राकृतिक साधानों का कम से कम इस्तेमाल करते हैं।राज्यपाल ने आगे कहा कि हमें अपने बच्चों को भी हमारी समृद्ध सांस्कृतिक परंपराओं से अवगत करवाने के लिए ऐसी धार्मिक संस्थाओं के साथ जोड़ कर रखना चाहिए।

कार्यक्रम में भाग लेने के लिए मनीषी संत मुनि विनय कुमार  आलोक सेक्टर-7 चौक से भव्य मैत्री मार्च के साथ पंजाब राजभवन पहुंचे।इस अवसर पर मनीषी संत मुनि विनय कुमार जी आलोक ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि क्षमा के इस पर्व पर हम सभी एक मंच पर एकत्रित होकर अपने मन के छोटे-मोटे मतभेदों को भुलाकर जैन धर्म पर प्रकाश डालें। धर्म दिखावे के लिए नहीं बल्कि आत्मा को शुद्ध करने का साधन है।इस अवसर पर संत सागर जी ने कहा कि यह त्योहार हमें सिखाता है कि यदि आपकी भावनायें अच्छी हैं तो दैनिक व्यवहार में छोटी-छोटी गलतियों को नज़रअन्दाज कर दो और उनसे सीख कर हमें दोबारा कोई नयी गलती न करने की प्रेरणा मिलती है।

साध्वी संतोष महाराज ने अपने विचार प्रकट करते हुए कहा कि ज़िंदगी में मनुष्य हर जगह बाईपास का रास्ता अपना रहा होता है, परन्तु बाइपास हर जगह संभव हो सकता है, परन्तु क्षमा करने और देने के समय इसको न अपनायें, क्षमायाचना करें तो दिल से करें।इस दौरान सैक्टर-18 स्थित आल इंडिया जैन कान्फ़्रेंस के जनरल सचिव मुकेश जैन, सैक्टर-28 स्थित श्वेतांबर मूर्ति पूजा सोसायटी के सचिव सुशील जैन, तेरापंथ के प्रधान वेद प्रकाश जैन और बड़ी संख्या में दूर- दूराज से श्रावक समाज शामिल हुए।

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