श्योपुर। कूनो नेशनल पार्क में एक और चीते की मौत हो गयी। इस नर चीता उदय का नामकरण कुछ दिन पहले ही किया गया था।वन विभाग की तरफ से बताया गया है कि सुबह के वक्त करीब 9 बजे नर चीता उदय सिर झुका कर सुस्त अवस्था में बैठा पाया गया था। चीता के करीब जाने पर वो वो उठकर लड़खड़ाकर एवं गर्दन झुका कर चलता पाया गया। इसके बाद उसकी हालत की जानकारी वन्यप्राणी चिकित्सकों को दी गई थी। इसके बाद चीता उदय का निरीक्षण किया गया और प्रथम दृष्टया वो बीमार पाया गया था।
इसके बाद इलाज के लिए नर चीता को ट्रैकुलाइज किया गया था। सुबह करीब 11 बजे चीता को बेहोश करने के बाद उसका उपचार किया गया था। चीते के स्वास्थ्य को देखते हुए उसे आइसोलेशन वार्ड में आगे की उपचार और निगरानी के लिए रखा गया था। लेकिन शाम 4 बजे चीता उदय ने दम तोड़ दिया। नर चीता की मौत की वजह का अभी पता नहीं चल सका है।
आपको बता दें कि मार्च के महीने में कूनो नेशनल पार्क में मादा चीता साशा की मौत हो गई थी। मादा चीता किडनी और लिवर से जुड़े संक्रमण से जूझ रही थी। मादा चीता साशा का क्रिएटिनिन स्तर 400 से ज्यादा पाया गया था। यह बात भी सामने आई थी कि नामीबिया से लाए जाने से पहले से ही साशा की तबीयत खराब थी। दो महीने में कूनो में दो चीतों की मौत से भारत में चीतों की आबादी बढ़ाए जाने के लिए चलाए जा रहे चीता प्रोजेक्ट को बड़ा झटका लगा है।
अभी हाल ही में कूनो नेशनल पार्क से एक चीता ओबान बाहर आ गया था। वो कूनो के आसपास के गांवों में पहुंच गया था और उससे भयभीत होकर लोग लाठी-डंडा लेकर घूम रहे थे। जब इस बात की सूचना वन विभाग को लगी थी तो किसी तरह ओबान को कूनो में पहुंचाया गया था। कुछ दिनों पहले ही नामीबिया से लाए गए 12 और चीतों को बड़े बाड़े में रिलीज भी किया गया है।