नई दिल्ली। भारत निर्वाचन आयोग शुक्रवार तीन प्रेस कॉन्फ्रेंस करने वाला है जिसमें जम्मू-कश्मीर के चुनावी कार्यक्रम का ऐलान किया जाएगा। इसके साथ हरियाणा विधानसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा की जाएगी। धारा 370 हटने के बाद पहली बार जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव होने जा रह हैं। हाल ही में मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने जम्मू कश्मीर और हरियाणा के अधिकारियों के साथ एक बैठक की थी। हरियाणा विधानसभा में कुल 90 सीटें हैं। वर्तमान में तीन सीटें खाली हैं। बीजेपी के 41 विधायक हैं, कांग्रेस के 29, जेजेपी के 10 और आईएनएलडी और एचएलपी के एक-एक विधायक हैं। सदन में पांच निर्दलीय विधायक हैं।
धारा 370 हटाने के बाद जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित क्षेत्र बना दिया गया था। तभी से वहां के राजनीतिक दल राज्य का दर्जा वापस दिए जाने की मांग कर रहे थे। सरकार की तरफ से कहा जा रहा था कि पहले चुनाव होंगे और उसके बाद ही राज्य का दर्जा वापस दिया जाएगा। सूत्रों की मानें तो केंद्र शासित प्रदेश जम्मू कश्मीर में तीन से चार चरणों में मतदान कराया जा सकता है। सितंबर में मतदान की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी। सितंबर माह के अंत तक चुनाव नतीजों का ऐलान किया जा सकता है। सूत्रों के मुताबिक जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश में चुनाव कराने की राह में सबसे बड़ी चुनौती सुरक्षा व्यवस्था है क्योंकि वहां हाल के दिनों अचानक गतिविधियां बढ़ी जिससे प्रशासन की चिंता बढ़ गई है। इसका असर चुनावी कार्यक्रम पर भी दिख सकता है।
परिसीमन का काम पूरा नहीं होने से जम्मू-कश्मीर में विधानसभा चुनाव नहीं कराया जा सका था। मई, 2022 के परिसीमन के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा में सीटों की संख्या 90 हो गई है। जम्मू में 43 और कश्मीर में 47 विधानसभा सीटों पर चुनाव होना हैं। 2014 में 87 विधानसभा सीटों पर चुनाव हुए थे, जिसमें जम्मू की 37 और कश्मीर घाटी की 46 सीटों के अलावा छह सीटें लद्दाख की थीं। गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव में जम्मू कश्मीर में मतदान को लेकर भारी उत्साह नजर आया था। श्रीनगर में मतदान ने नया रिकॉर्ड बना था तो वहीं केंद्र शासित प्रदेश की अन्य सीटों पर भी मतदान को लेकर उत्साह देखा गया था।