चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल की अध्यक्षता में आज यहां उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (एचपीपीसी) और विभाग उच्चाधिकार प्राप्त क्रय समिति (डीएचपीपीसी) तथा हाई पावर वर्क्स परचेज कमेटी की बैठक में लगभग 275 करोड़ रुपये की खरीद व कॉन्ट्रेक्ट को मंजूरी दी गई। बैठक में परिवहन मंत्री मूलचंद शर्मा, ऊर्जा मंत्री श्री रणजीत सिंह, कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री जेपी दलाल, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी मंत्री डॉ बनवारी लाल और श्रम राज्य मंत्री अनूप धानक भी मौजूद रहे।
बैठक के उपरांत मीडिया से बातचीत करते हुए श्री मनोहर लाल ने बताया कि बैठक में सिंचाई, पुलिस, गुरुग्राम महानगर विकास प्राधिकरण (जीएमडीए), उत्तर हरियाणा बिजली वितरण निगम, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी विभाग के कुल 26 एजेंडा रखे गए थे, जिसमें से 18 एजेंडे को मंजूरी दी गई। उन्होंने बताया कि आज विभिन्न कंपनियों से नेगोशिएशन के बाद दरें तय करके लगभग 7 करोड़ 7 लाख रुपये की बचत की गई है।
पशु बीमा योजना के तहत किसानों को दिया गया 70 करोड़ रुपये का क्लेम – मुख्यमंत्री ने कहा कि बैठक में पशु बीमा के लिए भी इंश्योरेंस कंपनी के साथ रेट कॉन्ट्रैक्ट करने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। उन्होंने कहा कि हरियाणा सरकार द्वारा किसानों के हित में चलाई जा रही पशु बीमा योजना कारगर सिद्ध हो रही है। इस योजना के तहत किसानों को 70 करोड़ रुपये का क्लेम दिया गया है।
टेंडरों में पारदर्शिता लाने के लिए सरकार ने प्रक्रियाओं को किया सुव्यवस्थित – एक अन्य सवाल के जवाब में मनोहर लाल ने कहा कि राज्य सरकार ने टेंडर प्रक्रियाओं में पारदर्शिता लाने हेतू व्यस्थाओं को सुव्यवस्थित किया है। पहले केवल एल-1 पार्टी से ही नेगोशिएशन किया जाता था। हमने यह सिस्टम बनाया है कि बोली राशि के 5 प्रतिशत तक की रेंज में एल-5 तक पार्टियों को नेगोशिएशन के लिए बुलाया जाता है, ताकि प्रतिस्पर्धात्मक तरीके से रेट तय किए जा सकें। उन्होंने कहा कि सरकार का ध्येय यही है कि जनता का 1-1 रुपये पारदर्शी तरीके से जनता के हित के लिए ही खर्च हो।
बैठक में गृह विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव टीवीएसएन प्रसाद, पशुपालन एवं डेयरी विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, बिजली निगमों के चेयरमैन पीके दास और मुख्यमंत्री के सलाहकार (सिंचाई) देवेंद्र सिंह सहित संबंधित विभागों के प्रशासनिक सचिव मौजूद रहे।