चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान के नेतृत्व में विधान सभा ने आज ‘ द सिक्ख गुरुद्वारा ( संशोधन) बिल- 2023’ को भारी बहुमत के साथ पास कर दिया।पंजाब विधानसभा के सदन में बिल पर चर्चा को समेटते मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बिल का उदेश्य पवित्र गुरबानी के प्रसारण के अधिकार पर एक विशेष परिवार के अनावश्यक कंट्रोल से मुक्त करना है। उन्होंने कहा कि यह विरोधाभासी स्थिति है कि शिरोमणी कमेटी एक परिवार के प्रभाव में, जो इसके मामलों को कंट्रोल करता है, की तरफ से इसी परिवार के चैनल को पवित्र गुरबानी के प्रसारण के मालकी हक दिए हुए है। भगवंत मान ने सवाल किया कि सर्व- सांझी गुरबानी के यह अधिकार किसी भी चैनल को कैसे दिए जा सकते है ?
मुख्यमंत्री ने कहा कि यह बिल किसी भी तरह से धार्मिक मामलों में दखलअंदाज़ी नहीं करता, बल्कि गुरबानी को घर- घर तक पहुँचाने को यकीनी बनाने के लिए यह विनम्र सा कदम है। उन्होंने कहा कि गुरबानी का सीधा प्रसारण करने के लिए सिक्ख गुरुद्वारा एक्ट- 1925 में धारा 125 के बाद धारा 125- ए को दर्ज किया जाएगा। भगवंत मान ने कहा कि इस एक्ट में यह व्यवस्था होगी कि महान गुरू साहिबान की शिक्षाओं के प्रसार के लिए बोर्ड ( शिरोमणी कमेटी) का फ़र्ज़ श्री हरिमदंर साहिब से पवित्र गुरबानी का लाइव प्रसारण ( आडियो या आडियो के साथ वीडियो) सभी मीडिया घरानों, आऊटलैट्टज़, प्लेटफार्म, चैनलों आदि जो भी चाहता हो, को मुहैया करवाना होगा। इस एक्ट में यह व्यवस्था भी होगी कि प्रसारण के दौरान किसी भी कीमत पर इशतेहारबाज़ी/ व्यापारीकरण/ न हो।
मुख्यमंत्री ने दोहराया कि एक विनम्र और श्रद्धावान सिक्ख होने के नाते वह दुनिया भर में गुरबानी का मुफ़्त प्रसारण करने के हकदार है। भगवंत मान ने हैरानी अभिव्यक्त की कि यह पंथ पर हमला कैसे हो गया क्योंकि वह सिर्फ़ गुरबानी के प्रसारण पर एक विशेष चैनल के कंट्रोल की विरोध कर रहे है, जो कि पूरी तरह अन्यायपूर्ण है। उन्होंने कहा कि इस कदम का उदेश्य सरकार के किसी चैनल या किसी एक व्यक्ति विशेष को अधिकार देना नहीं है बल्कि इसका मनोरथ गुरबानी संदेश को विश्व भर में फैलाना है। मुख्यमंत्री ने कहा कि एक विनम्र और श्रद्धावान सिक्ख के तौर पर वह दुनिया भर में गुरबानी के मुफ़्त प्रसारण के लिए ज़ोरदार ढंग से आवाज़ बुलंद करेंगे। भगवंत मान ने हैरानी ज़ाहिर करते हुए कहा कि एक विशेष चैनल की तरफ से गुरबानी के प्रसारण पर कंट्रोल किए होने का विरोध करने से पंथ पर हमला कैसे कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि प्रसारण का हक एक चैनल तक सीमित रखना पूरी तरह अन्यायपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि इस कदम का उद्देश्य सरकार के किसी विशेष चैनल या प्राईवेट तौर पर किसी व्यक्ति को देने का नहीं है बल्कि इस का मनोरथ दुनिया के कोने- कोने में गुरबानी का संदेश फैलाना है। मुख्य मंत्री ने कहा कि सूबा सरकार यह संशोधन करने के लिए समर्थ है क्योंकि सुप्रीम कोर्ट पहले ही फ़ैसला दे चुकी है कि यह एक्ट अंतर-राज्यी एक्ट नहीं है। उन्होंने कहा कि शिरोमणी कमेटी के मामलों में लंबे समय से एक ही परिवार का दबदबा रहा है, जिस कारण सिक्ख पंथ का न पूरा करने वाला नुकसान हुआ है। भगवंत मान ने कहा कि गंदी खेल खेलते हुए इस परिवार ने अपने चहेते चैनल को गुरबानी के प्रसारण का विशेष अधिकार दे कर सिक्खों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने की कोशिश की है जबकि एक्ट में शब्द टेलीकास्ट या प्रसारण का कोई जिक्र नहीं है।