चंडीगढ़ : यहां पंजाब राजभवन, चंडीगढ़ में पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस समारोह का आयोजन किया गया। यह कार्यक्रम राष्ट्रीय एकता की पहल (एक भारत श्रेष्ठ भारत) के तहत आयोजित की जा रही विभिन्न राज्यों के स्थापना दिवस समारोहों की श्रृंखला की पांचवी कड़ी का हिस्सा रहा। पश्चिम बंगाल स्थापना दिवस से पहले पंजाब राजभवन और यूटी प्रशासन द्वारा संयुक्त रूप से गुजरात, महाराष्ट्र, गोवा, सिक्किम और तेलंगाना स्थापना दिवस मनाया जा चुका है।
इस अवसर पर बोलते हुए, पंजाब के राज्यपाल और यूटी, चंडीगढ़ के प्रशासक बनवारी लाल पुरोहित ने कहा कि हमारे देश में प्रत्येक राज्य अनूठी भौगोलिक और प्राकृतिक विविधता से संपन्न है। स्थापना दिवस मनाने से हमें अन्य राज्यों की संस्कृति, खान-पान, पहनावा, त्योहारों और सुरम्य स्थानों को जानने और समझने का अवसर मिलता है, जो बदले में बंधुत्व और राष्ट्रीय एकता की भावना को बढ़ावा देता है। राज्यपाल ने बंगाल के लोगों की खूबियों के बारे में बात करते हुए कहा, “बलिदान की भावना बंगाल के लोगों की पहचान है”। बंगाल अमर स्वतंत्रता सेनानियों की भूमि है। बहादुरी तो बंगाल और पंजाब के लोगों की रग-रग में है।
दोनों राज्यों ने देश के अमर क्रांतिकारियों को जन्म दिया है। उन्होंने कहा कि बंगाल खुदी राम बोस का जन्म स्थान है, जिन्होंने 18 साल की उम्र में शहादत प्राप्त की, जबकि पंजाब वह भूमि है जिसे शहीद भगत सिंह और मदन लाल ढींगरा की मातृभूमि होने पर गर्व है, जिन्होंने युवावस्था के शुरूआती दौर में ही देश के लिए अपनी जान कुर्बान कर दी। इसी तरह, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की प्रसिद्ध लाल-बाल-पाल की तिकड़ी में बंगाल के बिपिन चंद्र पाल और पंजाब के शेर कहे जाने वाले लाला लाजपत राय थे।
उन्होंने गुरुदेव रवींद्रनाथ टैगोर की जन्मस्थली और नेता जी सुभाष चंद्र बोस की कर्मभूमि होने के लिए और स्वामी विवेकानंद व चैतन्य महाप्रभु, राजा राम मोहन राय और ईश्वर चंद्र विद्या सागर की भूमि होने के लिए बंगाल की प्रशंसा की।उन्होंने आगे कहा कि जगदीश चंद्र बोस, पी.सी. रे, एस.एन. बोस और मेघ नाद साहा जैसे वैज्ञानिक तथा देशबन्धु चितरंजन दास, डॉ. श्यामा प्रसाद मुखर्जी और भारत रत्न पूर्व राष्ट्रपति श्री प्रणब मुखर्जी जैसे राजनीतिक दिग्गज, सभी बंगाल से हैं। राज्य के लोगों ने भी भारतीय सिनेमा में महत्वपूर्ण योगदान दिया है और देश को कई गायक, संगीतकार और अभिनेता दिए हैं। समारोह दौरान, उस समय ‘मोशाई’ ऊर्जा ने जोश और उत्साह का माहौल बनाया जब कलाकारों ने बाउल गायन की शानदार प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम में बंगाल समाज, चंडीगढ़ के सदस्य, सम्मानित गणमान्य व्यक्ति, राजनेता तथा पंजाब और चंडीगढ़ के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।