नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के धन्यवाद प्रस्ताव के दौरान बुधवार को राज्य सभा में विपक्षी सांसदों ने जमकर हंगामा किया। पीएम मोदी ने जैसे ही बोलना शुरू किया, विपक्षी सांसदों ने शोर मचाना शुरू कर दिया। लेकिन शोर-शराबे के बीच पीएम मोदी ने अपना भाषण जारी रखा। पीएम मोदी ने कहा कि 60 साल बाद जनता ने तीसरी बार किसी सरकार को सेवा का मौका दिया है, जो असामान्य है। उन्होंने कहा कि हम पर एक-तिहाई सरकार होने का विपक्ष का आरोप सही है, क्योंकि अभी हमारी सरकार के 20 साल और अब तक एक-तिहाई ही हुआ है।
पीएम मोदी ने कहा कि देश की जनता ने दुष्प्रचार को, भ्रम की राजनीति को परास्त कर भरोसे की राजनीति पर विजय तिलक लगाया है। मेरे जैसे लोग हैं जिन्हें बाबासाहेब आंबेडकर के संविधान के कारण यहां तक आने का मौका मिला है। संविधान हमारे लिए केवल अनुच्छेदों का संकलन नहीं है, हम उसके एक-एक शब्द और भावनाओं का आदर करते हैं। जब हम संविधान निर्माण के 75वें वर्ष में प्रवेश कर रहे हैं, तब देश के कोने-कोने में इसका उत्सव मनाने का हमारी सरकार ने फैसला किया है। प्रधानमंत्री मोदी के संबोधन के दौरान विपक्षी सांसद सदन छोड़कर बाहर की ओर जाने लगे। तभी पीएम मोदी ने कहा कि झूठ फैलाने वालों में सत्य सुनने की आदत भी नहीं होती।
सांसदों द्वारा सदन छोड़ने पर पीएम मोदी ने कहा कि ये सांसद देश के उच्च सदन को अपमानित कर रहे हैं। यह कहकर प्रधानमंत्री अपनी सीट पर बैठ गए। विपक्षी सांसदों के व्यवहार पर सभापति और उप राष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा-अत्यंत दर्दनाक, पीड़ादायक, अमर्यादित आचरण देखकर मैं दुखी हूं। शासन 6 दशक के बाद निरंतर तीसरे कार्यकाल में है। मैंने अनुरोध किया, चर्चा की और प्रतिपक्ष के नेता को बिना रोक-टोक बोलने का मौका दिया। आज वे सदन छोड़कर नहीं गए, मर्यादा छोड़कर गए हैं। आज उन्होंने मुझे पीठ नहीं दिखाई है। भारतीय संविधान को पीठ दिखाई है।