चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जल जीवन मिशन के तहत हर घर-नल से जल पहुंचाने वाला हरियाणा पहला बड़ा राज्य बना है। केंद्र सरकार ने इस मिशन के तहत वर्ष 2024 तक प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति का लक्ष्य रखा था, जिसे हरियाणा सरकार ने समय से पहले ही पूरा करने का काम किया है। जल जीवन मिशन के तहत लगभग 13 लाख ग्रामीण घरों में पेयजल कनेक्शन दिये गये हैं। इससे पहले भी वर्ष 2014 से 15 अगस्त, 2019 तक लगभग 6 लाख पेयजल कनेक्शन दिये गए थे। कुल मिलाकर लगभग 29 लाख घरों में नल से जल पहुंचाया गया है। मुख्यमंत्री आज सिरसा से सीएम की विशेष चर्चा कार्यक्रम के तहत वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से ने हर घर नल से जल कार्यक्रम के लाथार्थियों से सीधा संवाद कर रहे थे।
संवाद के दौरान लाभार्थियों ने इस योजना के लिए मुख्यमंत्री का आभार जताते हुए कहा कि जब से घरों में नल से पानी मिल रहा है, तब से उनका जीवन बेहतर बना है और उनके स्वास्थ्य में भी सुधार हुआ है। अब घर में पानी की सुविधा होने से हमें दूर-दराज के क्षेत्रों में पानी लेने के लिए नहीं जाना पड़ता। लाभार्थियों ने हमने कभी सोचा नहीं था कि हमें कभी दूर दराज से पानी लाने से मुक्ति मिलेगी, पर आपकी सरकार ने हमें यह सहुलियत प्रदान करके हमें बहुत बड़ा लाभ दिया है। पानी सबसे बड़ी जरूरत है, जिसे सरकार ने हम तक पहुंचाया है इसके लिए आपका बहुत धन्यवाद।
मनोहर लाल ने कहा कि स्वच्छ पेयजल प्राप्त करना हम सबका अधिकार है। इसलिए प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने प्रत्येक ग्रामीण घर में नल से जल उपलब्ध करवाने तथा 55 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन पानी की आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए 15 अगस्त, 2019 को लाल किले की प्राचीर से जल जीवन मिशन की घोषणा की थी। प्रधानमंत्री ने कहा था कि जल संचय हो, जल सिंचन हो, वर्षा की बूंद-बूंद को रोकने का काम हो, पानी बचाने का अभियान हो, पानी के प्रति सामान्य से सामान्य नागरिक सजग बने, संवदेनशील बने, बचपन से ही पानी के महत्व की शिक्षा दी जाए। उनके इसी विचारों पर चलते हुए हरियाणा सरकार जल संरक्षण के लिए प्रदेश की जनता को जागरुक करने का काम कर रही है।
1457 करोड़ रुपये की लागत से 4774 नलकूप, 1246 बूस्टिंग स्टेशन बनायें, 3299 करोड़ रुपये की लागत से 19,515 किलोमीटर लम्बी पेयजल पाइप लाइनें बिछाई – मनोहर लाल ने कहा कि घरों के अलावा हरियाणा सरकार ने सभी स्कूलों और आंगनवाड़ी केंद्रों में भी नल से जल पहुंचाने का काम किया है। राज्य सरकार ने ग्रामीण व शहरी क्षेत्रों में 500 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से 271 नहर आधारित जल घर तथा 229 नलकूप आधारित जल घर स्थापित किये हैं। यही नहीं, 1457 करोड़ रुपये की लागत से 4774 नलकूप तथा 1246 बूस्टिंग स्टेशन भी स्थापित किये हैं। इनके अलावा, 3299 करोड़ रुपये की लागत से 19,515 किलोमीटर लम्बी पेयजल पाइप लाइनें बिछाई हैं। इतना ही नहीं, महाग्राम योजना के तहत 31 बड़े गांवों में 135 लीटर प्रति व्यक्ति प्रतिदिन तक पेयजल आपूर्ति के लिए पेयजल स्रोतों में वृद्धि तथा मल-निकासी सुविधाएं प्रदान करने के लिए कार्य किये गये हैं।
हमारी पीढ़ियों को पानी की कमी से न जूझना पड़े, इसके लिए सभी को पानी की एक-एक बूंद का सदुपयोग करना होगा – मनोहर लाल ने कहा कि जल ही जीवन है और इसका मानव सभ्यता के विकास के साथ बहुत पुराना सम्बन्ध है। इसका अन्दाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि सभी प्राचीन सभ्यताओं का विकास जल स्रोतों के निकट ही हुआ। हमारे ऋषि-मुनियों व सन्त-महात्माओं ने मानव के अस्तित्व के लिए जल के संरक्षण पर बल दिया है। इसीलिए नदियों को माता कहा गया है। उन्होंने कहा कि यह हमारी नैतिक जिम्मेदारी है कि पानी की कमी प्रदेश के विकास में बाधा न बने। हमारी पीढ़ियों को पानी की कमी से जूझना न पड़े, इसके लिए हम सभी को पानी की एक-एक बूंद का सदुपयोग करना होगा। हम सभी को यह सुनिश्चित करना होगा कि प्रदेश के किसी भी हिस्से में टैंकरों से पानी पहुंचाने के लिए मजबूर न हों। हमें पानी का उपयोग वरदान के रूप में करना चाहिए, लेकिन कुछ लोग इसके महत्व को नहीं समझते और आसानी से उपलब्ध होने के कारण पानी बर्बाद कर देते हैं। वे पानी की कीमत नहीं समझते। पानी की कीमत वही समझता है जो पानी की कमी से जूझता है।
मुख्यमंत्री ने नागरिकों से अपील की कि सभी पानी बचाने के लिए और अधिक प्रयास करें। अगर पानी नल से व्यर्थ बहता हुआ दिखाई दे, तो उसे तुरंत बंद कर दें। कई लोग रात को नल खुला छोड़ देते हैं। मैं उनसे भी आग्रह करता हूं कि रात को सोने से पहले नल बंद करके सोएं। उन्होंने कहा कि हम सभी को जल संरक्षण या जल संचयन को अपने जीवन का सबसे बड़ा मिशन बनाने वाले लोगों से भी प्रेरणा लेनी चाहिए। उन्होंने ग्राम पंचायतों से भी आग्रह किया कि वे गांव में जल स्रोतों की सुरक्षा और स्वच्छता के लिए काम करें। साथ ही, बारिश के पानी का संग्रह करके जल संरक्षण की दिशा मंं भी कदम बढ़ाएं।
मुख्यमंत्री ने सिरसा व फतेहाबाद जिले का हवाई सर्वेक्षण कर बाढ़ से उत्पन्न हालातों का लिया जायजा – मनोहर लाल ने कहा कि संवाद कार्यक्रम से पहले उन्होंने सिरसा और फरीदाबाद जिले का हवाई सर्वेक्षण कर यहां बाढ़ से उत्पन्न हालातों का जायजा लिया। उन्होंने बताया कि जाखल, भूना, रतिया, फतेहाबाद तथा सिरसा ब्लॉक के बहुत से गांव और ओटू झील के आसपास के क्षेत्र के गांवों में पानी आया है। अभी भी घग्घर नदी में पानी का बहाव तेज बना हुआ है। इन इलाकों में पानी उतरने में थोड़ा समय लगेगा।
उन्होंने बताया कि हरियाणा 12 जिले बाढ़ प्रभावित घोषित हुए थे, जिनमें से 10 जिलों में पानी काफी मात्रा में निकल चुका है। जहाँ पानी अभी निकला नहीं है, वहां पंपिंग के द्वारा निकाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि बाढ़ के कारण लोगों की मृत्यु हुई है, उन परिवारों को सरकार मुआवजा देगी। इसके अलावा, जिन खेतों में दोबारा बिजाई की जा सकेगी, वहां किसान दोबारा बिजाई करेंगे और जहां बिजाई नहीं हो सकेगी, उन सब को उनके नुकसान का मुआवजा दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि जिन लोगों के मकान क्षतिग्रस्त हुए हैं या उनमें दरारे आई हैं या पशुओं की भी मृत्यु हुई है, सरकार जान-माल के नुकसान की भरपाई के लिए आगामी सप्ताह से मुआवजा देगी।