मुंबई । राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी यानी एनसीपी अब दो गुटों में बंटी है। एक का नेतृत्व शरद पवार कर रहे हैं और दूसरे का उनके भतीजे अजीत पवार। दोनों नेताओं के बीच विवाद के चलते चुनाव आयोग ने आयोग ने एनसीपी का ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न भी अजित पवार नीत गुट को आवंटित कर दिया था। 19 मार्च को शीर्ष अदालत ने शरद पवार गुट को अपने नाम के रूप में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) का इस्तेमाल करने की अनुमति दी थी और उसे चुनाव चिह्न ‘तुरहा बजाता व्यक्ति’ आवंटित किया था।
इसके बाद उच्चतम न्यायालय ने शरद पवार गुट की उस याचिका पर एक आदेश पारित किया था, जिसमें अजित पवार गुट को चुनाव में ‘घड़ी’ चिह्न का इस्तेमाल करने से रोकने का अनुरोध किया गया था। शीर्ष अदालत ने कहा था कि अजित पवार गुट राजनीतिक लाभ के लिए शरद पवार के नाम और तस्वीर का इस्तेमाल नहीं कर सकेगा। अब एक बार फिर यह मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंचा है। याचिका में कहा गया है कि दोनों दलों को घड़ी चुनाव चिन्ह आवंटित नहीं किया जाना चाहिए। इस सुनवाई कर 24 अक्टूबर को होगी।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि वह शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी की उस याचिका पर 24 अक्टूबर को सुनवाई करेगी, जिसमें महाराष्ट्र के उप मुख्यमंत्री अजित पवार की अगुवाई वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के ‘घड़ी’ चुनाव चिह्न का इस्तेमाल करने पर आपत्ति जताई गई है। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्ज्वल भुइयां की पीठ के समक्ष इस मामले की तत्काल सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया गया। मंगलवार को शरद पवार गुट की ओर से पेश वकील ने पीठ को सूचित किया कि मामला 22 अक्तूबर को ही सूचीबद्ध किया जाना था, लेकिन वाद-सूची में इसका जिक्र नहीं है। इसके बाद पीठ ने इसे 24 अक्तूबर को सुनवाई के लिए सूचीबद्ध करने का निर्देश दिया।