नई दिल्ली। करीब दो महीने की छुट्टियों के दौरान पहली बार सुप्रीम कोर्ट में रिकॉर्ड 20 बेंच लगाई गईं। इन बेंचों ने वकीलों की सहमति से इतने मामले सुलझा लिए कि छुट्टी के दौरान सुनवाई के लिए रखे गए मामलों की लिस्ट ही खत्म हो गई। न्यायालय में गर्मी की छुट्टियों के बाद सोमवार से नियमित कामकाज फिर से शुरू हो गया है। मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली बेंच अगले कुछ हफ्तों में फैसले सुनाएंगी। इन फैसलों में 3 फैसले 9 जजों की बेंच द्वारा, 2 फैसले 7 जजों की बेंच द्वारा और 2 फैसले 5 जजों की बेंच द्वारा सुनाए जाएंगे। गौर करने वाली बात यह है कि छुट्टियों के दौरान निपटाए गए मामलों की संख्या में पिछले साल की तुलना में तीन गुना से अधिक की वृद्धि हुई है। इस साल छुट्टियों में लगभग 1170 मामले सुलझाए गए थे, जबकि 2017 में यह संख्या 461 के आसपास थी।
इस बारे में चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने कहा कि लोग हमें सिर्फ सुबह 10:30 बजे से शाम 4 बजे तक कोर्ट में बैठे देखते हैं, जहां हम 40 से 60 मामलों की सुनवाई करते हैं। असल में, अगले दिन की सुनवाई के लिए तैयार होने के लिए हम जितना काम करते हैं, वह कोर्ट में सिर्फ केस सुनने के समय के मुकाबले कहीं ज्यादा होता है। चीफ जस्टिस ने कहा कि हर जज अगले दिन की सुनवाई के लिए केस की फाइलें पढ़ने में बराबर समय लगाता है। फैसले सुनाने का काम हफ्ते के दफ्तरी दिनों में होता है। शनिवार को हर जज फैसलों को लिखने (डिक्टेट करने) का काम करता है। रविवार को हम सब आने वाले सोमवार की सुनवाई के लिए तयशुदा केस पढ़ते हैं। इस तरह, बिना किसी छुट्टी के, सुप्रीम कोर्ट का हर जज हफ्ते के सातों दिन काम करता है।