नई दिल्ली । मोदी सरकार द्वारा 18 से 22 सितंबर तक बुलाया गया संसद का पांच दिनी विशेष सत्र हंगामेदार होने के आसार हैं। सरकार ने विशेष सत्र के लिए चार सूत्रीय एजेंडा जारी किया है। लेकिन इस एजेंडे में कांग्रेस नेता सोनिया गांधी द्वारा जातिगत जनगणना, बढ़ती महंगाई और बेरोजगारी सहित उठाए गए नौ मुद्दों को शामिल नहीं गया है। विपक्षी गठबंधन इंडिया के 24 दल संसद में इन मुद्दों पर हंगामे के साथ सरकार की घेराबंदी कर सकते हैं।
दरअसल, मोदी सरकार द्वारा बुलाए गए पांच दिन के इस विशेष सत्र के एजेंडा को लेकर विपक्षी दल लगातार सवाल उठ रहे थे। विपक्ष मांग कर रहा था कि सरकार विशेष सत्र क्यों बुलाया, इसका एजेंडा जारी करे? । ऐसी अटकलें थीं कि विशेष सत्र के दौरान सरकार एक राष्ट्र, एक चुनाव और देश का नाम इंडिया से बदलकर भारत करने का प्रस्ताव ला सकती है। हालांकि सरकार द्वारा जारी एजेंडे में इसका उल्लेख नहीं है।
विशेष सत्र में ये बिल लाएगी सरकार – विशेष सत्र में मोदी सरकार द्वारा राज्यसभा में पोस्ट ऑफिस बिल 2023 और मुख्य चुनाव आयुक्त और अन्य चुनाव आयुक्त की नियुक्ति से जुड़े बिल पेश किए जाएंगे। ये दोनों बिल राज्यसभा में पेश होने के बाद लोकसभा में रखे जाएंगे। इसके अलावा लोकसभा में एडवोकेट्स अमेंडमेंट बिल 2023 और प्रेस एवं रजिस्ट्रेशन ऑफ पीरियॉडिकल्स बिल 2023 पेश किए जाएंगे। ये दोनों बिल मानसून सत्र के दौरान 3 अगस्त को राज्यसभा से पास हो चुके हैं।
विपक्ष की मांग इन मुद्दा पर चर्चा कराए सरकार – इधर कांग्रेस नेता सोनिया गांधी ने पीएम नरेंद्र मोदी पत्र लिखकर विशेष सत्र में नौ सूत्रीय एजेंडे पर चर्चा कराने की मांग की है। एजेंडे में जातीय जनगणना, बढ़ती महंगाई, बेरोजगारी और अदाणी मामले में जेपीसी जांच की मांग की गई है।