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छींक रोकाना पड़ा भारी: दिमाग की नसें भी फट गई,तीन सर्जरी के बाद बची जान

फ्लोरिडा : अगर आप भी छींक रोकने की कोशिश करते हैं, तब सावधान हो जाएं। यह जानलेवा साबित हो सकती है। यहां तक क‍ि दिमाग की नसें भी फट सकती हैं। अमेरिका के एक शख्‍स के साथ यहीं हुआ। बार-बार छींक आ रही थी। इससे परेशान होकर युवक ने छींक रोकने की कोशिश की। फ‍िर अचानक इतनी तेज छींक आई कि दिमाग की नसें फट गईं। ब्रेन में रक्‍तस्राव होने लगा।

लगा कि अब बच पाना नामुमक‍िन है। इसके बाद शख्‍स को तीन सर्जरी करवाकर अपनी जान बचानी पड़ी। 26 वर्षीय सैम मेसीना ने बताया कि वे बिस्‍तर पर लेटे हुए थे। बार-बार छींक आ रही थी। कई बार उन्‍होंने छींक रोकने की कोशिश की। लेकिन अचानक मुझे काफी तेज छींक आई और ब्रेन की नसों में विस्‍फोट सा हुआ और धमन‍ियां फट गईं। विस्‍फोट इतना तेज था कि सिर में रक्‍तस्राव होने लगा। नाकों से खून की धार बहने लगी। मुझे दौरा भी पड़ा और मैं बेहोश हो गया।

मेसीना ने बताया कि बेहोश होने से पहले उन्‍होंने अपनी मां को फोन किया। अपनी गर्लफ्रेंड को बताया, जो मुझे अस्‍पताल ले गए। डॉक्‍टरों ने देखा हैरान रह गए। मेरे ब्रेन से खून बह रहा था। उस अस्‍पताल में इस तरह के इलाज की सुविधा नहीं थी, इसल‍िए इमरजेंसी में दूसरे अस्‍पताल भेजा गया। एक हफ्ते में तीन बार सर्जरी हुई। 27 टांके लगे और महीनेभर अस्‍पताल के आईसीयू में बिताना पडा तब जाकर हालत में सुधार हुआ। अभी भी हालात बहुत नहीं सुधरे हैं। कभी कभी चक्‍कर आ ही जाता है।

डॉक्‍टरों के मुताबिक, यह शख्‍स आर्टिरियोवेनस मेलफॉर्मेशन (एवीएम) नामक एक विकृत‍ि के साथ पैदा हुआ था। ज्‍यादातर लोगों में यह समस्‍या होती है। इस धमनीविस्फार विकृत‍ि भी कहते हैं। जब मस्तिष्क में धमनियों और नसों को जोड़ने वाली रक्त वाहिकाएं उलझ जाती हैं, यानी उनमें असामान्‍य कनेक्‍शन बन जाता है, तब रक्‍त का थक्‍का बनता है।

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