चंडीगढ़ – हरियाणा साइबर पुलिस ने त्योहारों पर लोक लुभावन सपने दिखाकर और बड़ी – बड़ी कंपनियों की वर्षगांठ पर स्क्रैच कूपन देने के बहाने ठगी करने वाले साइबर ठग अमन कुमार पुत्र अशोक कुमार को लुधियाना, पंजाब से गिरफ्तार करने में सफलता हासिल की है। आरोपी एक फेक वेबसाइट raakioffr.org चला रहा था जहां दावा किया जा रहा था कि कम्पनी के 155 साल पूरे होने के मौके पर सभी को 1999 रुपए के स्क्रैच कूपन सीधे ग्राहकों के खातों में भेजे जा रहे हैं।
हर हफ्ते मंगवाता था नया सिम, साइबर थाना पंचकूला में दर्ज किया केस – साइबर पुलिस प्रवक्ता ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि मुख्य आरोपी अमन सिंह मात्र 19 साल का है और पंजाब के लुधियाना शहर का रहने वाला है। पूछताछ में आरोपी ने खुलासा किया कि फेसबुक से उसे एक चैट एप्लीकेशन चैनल का लिंक मिला था जहां से वह एक ग्रुप में जुड़ा था। आरोपी ने उस ग्रुप में से ही बैंक सम्बंधित सभी सुविधाएं जैसे फेक डेबिट कार्ड/ क्रेडिट कार्ड, आदि ऑनलाइन कूरियर के माध्यम से मंगवाई थी। वहीं, आरोपी ने फेक सिम भी ऑनलाइन ही मंगवाई थी। इसके बाद आरोपी ने एक फेक वेबसाइट, टाटा कम्पनी के नाम से बनवाई। इस वेबसाइट पर टाटा कंपनी के मालिकों के फोटो भी लगाए गए थे।
पीड़ित व्यक्ति जैसे ही स्क्रैच कूपन पाने के लिए लिंक पर क्लिक करते और अपनी बैंक की जानकारी अपडेट करते, तुरंत ही रूपए उसके खाते से काट लिए जाते थे। आरोपी ने पुलिस को जानकारी दी कि सिम सप्लाई करने वाला जबलपुर, मध्य प्रदेश से था, और वेबसाइट बनाने वाला नोएडा, उत्तर प्रदेश से था, और दोनों से ही मुख्य आरोपी, एक चैट ऐप के माध्यम से संपर्क करता था। आरोपी हर हफ्ते नई सिम मंगवाता था, ताकि एक बार जिस सिम का उपयोग हो जाए तो उसका उपयोग दोबारा ना करना पड़े। इसके अलावा आरोपी, अलग अलग पेमेंट गेटवे के सहारे ही अन्य आरोपियों के पास लूट के पैसे से उनका हिस्सा भेजता था। साइबर पुलिस हरियाणा के एसपी साइबर अमित दहिया व उनकी टीम ने आरोपी को लुधियाना से गिरफ्तार किया। मुख्य आरोपी को गिरफ्तार करने के बाद पंचकूला स्थित कोर्ट में पेश किया है, जहां से पुलिस को 5 दिन का रिमांड मिला है। मुख्य आरोपी के खिलाफ एफआईआर 26, 66C, 66D आईटी एक्ट, 419, 120, 467, 468, 471 आईपीसी की धाराओं में साइबर क्राइम थाना, पंचकूला में मामला दर्ज किया गया है।
साइबर टीम ने उच्च तकनीकों का सहारा लेकर किया आरोपी को ट्रेस, खाता भी किया सीज़: एसपी साइबर
अमित दहिया ने बताया कि मोडस ऑपरेंडी में सोशल मीडिया चैट ऐप का उपयोग करता था। वहीं साइबर ठगी किट फेक होने के कारण केस में तकनीकी जटिलताएं अधिक थी। साइबर पुलिस हरियाणा ने सभी सबूतों पर काम करते हुए आरोपी तक पहुंची। उन्होंने बताया कि अधिकतर साइबर ठगी की किट – कम पढ़े लिखे गरीब लोगों के नाम होती थी। गुप्त सूत्रों से मिली जानकारी व नवीन तकनीकों की सहायता से आरोपियों के बारे में सबूत जुटाए गए। आरोपी के खाते को सीज़ कर दिया गया है। वहीं साइबर पुलिस प्रवक्ता ने जानकारी देते हुए बताया कि साइबर अपराध से जागरूक करने के लिए प्रदेश पुलिस द्वारा अक्टूबर माह को साइबर जागरूकता माह के तौर पर मनाया जा रहा है। साइबर ठगी से बचने के लिए तुरंत अपनी शिकायत 1930 नंबर पर दर्ज करवाएं।