इंफाल। मणिपुर में 21 महीनों बाद हालात सामान्य होने के आसार नजर आ रहे हैं। गृह मंत्री अमित शाह ने शनिवार को राज्य के हालात की समीक्षा की और 8 मार्च से सभी सड़कों पर बेरोक-टोक आवाजाही सुनिश्चित करने का निर्देश दिया।गृह मंत्रालय के अनुसार, 20 फरवरी से अब तक विभिन्न समुदायों ने 300 से अधिक हथियार सरेंडर किए हैं। राज्यपाल ने हिंसा के दौरान लूटे गए हथियारों को लौटाने की अपील की थी, जिसके बाद यह सरेंडर हुआ है। इसे देखते हुए अब राज्यपाल अजय कुमार भल्ला ने हथियार सरेंडर करने की समय सीमा 6 मार्च शाम 4 बजे तक बढ़ा दी है। अब तक 87 तरह के हथियार, गोला-बारूद और अन्य सामान सरेंडर किए जा चुके हैं।
प्रमुख जिलों में सरेंडर किए गए हथियार – इंफाल ईस्ट, बिश्नुपुर, थौबल, कांगपोकपी, जिरीबाम, चुराचांदपुर और इंफाल वेस्ट जिलों में हथियार सरेंडर किए गए हैं। मैतेई ग्रुप अरम्बाई टेंगोल ने सबसे अधिक 246 हथियार सरेंडर किए।
राष्ट्रपति शासन और आगे की राह – मणिपुर के मुख्यमंत्री बीरेन सिंह ने 9 फरवरी को इस्तीफा दिया था, जिसके बाद 13 फरवरी को राज्य में राष्ट्रपति शासन लागू किया गया। अब, हथियारों के सरेंडर और सरकार की सख्ती से स्थिति सामान्य होने की उम्मीद बढ़ गई है।
गृह मंत्रालय के निर्देश – सड़कों की नाकेबंदी करने वालों पर कड़ी कार्रवाई होगी। 8 मार्च से सभी मार्गों पर आम जनता की आवाजाही सुनिश्चित की जाएगी। उग्रवादियों को हथियार सरेंडर करने के लिए 6 मार्च तक का समय दिया गया है। सरकार और सुरक्षा एजेंसियां मणिपुर में स्थायी शांति बहाल करने के लिए सक्रिय हैं।