चंडीगढ़ : पंजाब के पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन विभाग को और मज़बूत करने और इसकी कार्यकुशलता में वृद्धि के उद्देश्य से कैबिनेट मंत्री स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने विभाग के अधिकारियों को वैटरनरी अफ़सरों और वैटरनरी इंस्पेक्टरों की भर्ती प्रक्रिया में तेज़ी लाने के लिए कहा।वह पशु पालन, डेयरी विकास और मछली पालन विभाग के कामकाज का जायज़ा लेने के लिए पहली मीटिंग की अध्यक्षता कर रहे थे।
स. गुरमीत सिंह खुड्डियां ने सम्बन्धित अधिकारियों को हिदायत दी कि दक्षिण-पश्चिमी पंजाब में झींगा पालन को उत्साहित करने के लिए प्रयास और तेज़ किये जाएँ जिससे इस पट्टी के किसानों की आमदन में वृद्धि की जा सके क्योंकि इस क्षेत्र में भूजल के खारा होने के कारण यह पानी खेती के लिए ठीक नहीं है और इसके साथ ही इस बेल्ट में सेम की समस्या भी एक बड़ा मुद्दा है।अधिकारियों ने कैबिनेट मंत्री को बताया कि राज्य में 1212 एकड़ क्षेत्रफल झींगा पालन अधीन आ चुका है और उन्होंने भरोसा दिलाया कि वह खेती के इस सहायक पेशे अधीन क्षेत्रफल को और बढ़ाने के लिए कोई कसर बाकी नहीं छोडेंगे।
अधिकारियों को विभाग को नयी बुलन्दियों पर लेजाने के लिए और मेहनत और लगन के साथ काम करने के लिए कहते हुए कैबिनेट मंत्री ने कहा कि मुख्यमंत्री स. भगवंत मान के नेतृत्व वाली पंजाब सरकार किसानों के कल्याण हेतु वचनबद्ध है और मुख्यमंत्री ने कृषि और इसके सहायक धंधों को लाभप्रद पेशा बनाने की ज़िम्मेदारी उनको सौंपी है। प्रमुख सचिव विकास प्रताप ने स. गुरमीत सिंह खुड्डियां को बताया कि 300 वैटरनरी अफ़सरों और 644 वैटरनरी इंस्पेक्टरों की भर्ती की प्रक्रिया चल रही है और हाल ही में विभाग द्वारा 317 वैटरनरी अफ़सर और 148 वैटरनरी इंस्पेक्टर भर्ती किये गए हैं।
उन्होंने बताया कि विभाग ने पशुओं में लम्पी स्किन की बीमारी के फैलाव को रोकने के लिए गोट पॉकस वैक्सीन की 25 लाख ख़ुराकें गऊधन को सफलतापूर्वक लगाई हैं। उन्होंने राज्य में डेयरी विकास को उत्साहित करने के लिए सेक्सड सीमन प्रोग्राम और अन्य स्कीमों बारे भी जानकारी दी। मीटिंग में संयुक्त सचिव राकेश कुमार, डायरेक्टर पशु पालन डॉ. राम पाल मित्तल, डायरेक्टर मछली पालन जसबीर सिंह, डायरेक्टर डेयरी विकास कुलदीप सिंह और विभाग के अन्य अधिकारी भी उपस्थित थे।