नई दिल्ली। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई नें एक बार फिर राहत भरा फैसला लिया है। इससे न तो लोन की ईएमआई बढ़ेगी और न ही लोन महंगे होंगे। ये इसलिए संभव हुआ है कि आरबीआई ने 10वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं करने का फैसला किया है। यह निर्णय 7 अक्टूबर से चल रही मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक में लिया गया, जिसकी जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने बुधवार को दी। अंतिम बार फरवरी 2023 में ब्याज दरों में 0.25 प्रतिशत की वृद्धि की गई थी। बता दें कि बैंक ने लगातार 10वीं बार ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है।
गवर्नर शक्तिकांत दास ने बैठक में बताया कि आने वाली तिमाहियों में भारतीय अर्थव्यवस्था की स्थिति काफी अच्छी रह सकती है। इस परिप्रेक्ष्य में, उन्होंने अपने आर्थिक अनुमान में इजाफा किया है। तीसरी तिमाही में जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.4प्रतिशत रखा गया है, जबकि पहले यह 7.2प्रतिशत था। चौथी तिमाही के लिए भी ग्रोथ का अनुमान 7.4प्रतिशत रहने का अनुमान है, जो पहले 7.3प्रतिशत था। वहीं, अगले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में ग्रोथ का अनुमान 7.3प्रतिशत रखा गया है, जबकि पहले यह 7.2प्रतिशत था।
आरबीआई ने मौजूदा वित्त वर्ष की ग्रोथ अनुमान में कोई बदलाव नहीं करते हुए 7.2प्रतिशत पर कायम रखा है। दूसरी ओर, दूसरी तिमाही के ग्रोथ अनुमान को 7.2प्रतिशत से घटाकर 7प्रतिशत कर दिया गया है। आरबीआई ने महामारी के दौरान मार्च 2020 से अक्टूबर 2020 तक ब्याज दरों में दो बार 0.40प्रतिशत की कटौती की थी। इसके बाद अगली 10 बैठकों में, सेंट्रल बैंक ने 5 बार ब्याज दरों में बढ़ोतरी की, चार बार कोई बदलाव नहीं किया और एक बार अगस्त 2022 में 0.50 प्रतिशत की कटौती की।