चंडीगढ़ : पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने आज राज्य सरकार का साल 2047 का ‘विजन दस्तावेज़’ जारी किया और इस दस्तावेज़ को प्रगतिशील और खुशहाल पंजाब के लिए रूप-रेखा बताया।अपने कार्यालय में सादे परन्तु प्रभावशाली समागम दौरान यह दस्तावेज़ जारी करते हुए मुख्य मंत्री ने सूबे की आर्थिकता और वित्तीय सेहत को पुन: सुरजीत करने की तत्काल ज़रूरत पर बल दिया। उन्होंने कहा कि यह दस्तावेज़ भारत की आज़ादी के 100 वर्ष पूरे होने पर राज्य के सर्वपक्षीय विकास की उम्मीद व्यक्त करता है। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज़ में 9 विभागीय सेक्शन और 16 सामाजिक- आर्थिक सूचक- आधारित सब- सैक्शन शामिल हैं जिस में मौजूदा स्थिति, सूबे के समक्ष मुख्य चुनौतियों और इन चुनौतियों को दूर करने के लिए लघु और दीर्घ अवधि की रणनीतियां बनाईं गई हैं। भगवंत मान ने कहा कि दस्तावेज़ों अनुसार अर्थव्यवस्था की विकास दर को वर्ष 2030 तक वार्षिक 7. 5 प्रतिशत और 2047 तक 10 प्रतिशत हासिल कर लिया जायेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस दस्तावेज़ का उद्धेश्य साल 2030 तक निवेश- जी. एस. डी. पी. अनुपात को 25 प्रतिशत पर लाना है और सूबे में निवेश के माहौल को सुधार कर और औद्योगिक प्रोजेक्टों की समयबद्ध और परेशानी रहित स्वीकृति के लिए आर्थिक प्रशासनिक सुधारों की शुरुआत के द्वारा वर्ष-2047 तक पंजाब के निवेश-जी. एस. डी. पी. अनुपात को 32 प्रतिशत तक बहाल करना है। उन्होंने कहा कि सेवा क्षेत्र /तेज रफ़्तार वाली सेवाओं जैसे कि बी. पी. ओ., आनलाइन शिक्षा, सोशल मीडिया और मनोरंजन समेत सूचना प्रौद्यौगिकी अधारित सेवाओं ( आई. टी. ई. एस.) विकसित की जाएंगी और सेवा क्षेत्र में डिजिटल प्रौद्योगिकियों का प्रयोग को भी उत्साहित किया जायेगा। भगवंत मान ने कहा कि रोजगार निपुणतस और स्टार्ट-अप्प इकौ- व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए सभी क्षेत्रों में निवेश को प्रोत्साहन देकर और उद्योगों और शैक्षणिक संस्थानों के बीच तालमेल पैदा करके बढिय़ा नौकरियां पैदा करने को भी यकीनी बनाया जायेगा। मुख्यमंत्री ने ज़ोर देकर कहा कि आर्थिकता की वित्तीय सेहत में सुधार के लिए उचित रणनीति दूरदर्शी वित्तीय प्रबंधन है। भगवंत मान ने कहा कि सूबे की ज़रूरतों को ध्यान में रखते पहचान किये गए अलग- अलग सेक्टरों के लिए लक्ष्य और रणनीतियां तैयार की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि मुख्य सेक्टरों में अर्थव्यवस्था, वित्त, उद्योग, रोजग़ार, कृषि, ग्रामीण विकास, स्थिर शहर और कम्यूनिटीज़, बुनियादी ढांचा, सामुहिक और बराबरी वाली शिक्षा, सेहत बुनियादी ढांचा और प्रबंध, लिंग समानता की प्राप्ति, कुदरती स्रोत, किफ़ायती और साफ़ ऊर्जा शामिल हैं। इसी तरह जलवायु और कुदरती स्रोत संभाल, तकनीकी तरक्की, शासन, सुरक्षा और सुरक्षित यातायात प्रबंधन प्रणाली भी शामिल है। उन्होंने कहा कि इस दस्तावेज़ का व्यापक उद्धेश्य नागरिकों को सम्मानजनक जीवन व्यतीत करना है। भगवंत मान ने ज़ोर दे कर कहा कि इस विजन की भावना गरीबी और भुखमरी का ख़ात्मा, रोज़ी- रोटी और आसरा यकीनी बनाना, सभी के लिए बराबर और मानक शिक्षा और सेहत सुविधिाओं का प्रबंध, अपेक्षित सेनिटेशन नैटवर्क और बिजली की उपलब्धता है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इन लक्ष्यों को भौगोलिक और सामाजिक असमानताओं को दूर करने के उद्धेश्य देश के साथ हासिल किया जायेगा। इस दस्तावेज़ का उद्धेश्य अलग- अलग प्रशासनिक विभागों और एजेंसियाँ की तरफ से निर्धारित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए प्रयतनों को जोडऩा है। उन्होंने उम्मीद अभिव्यक्त कि यह दस्तावेज़ विशाल जनतक हितों में प्रशासनिक तौर पर हरेक स्तर पर कार्यवाही के लिए और ज्यादा तालमेल लाएगा। भगवंत मान ने कहा कि इस दस्तावेज़ में चिन्हित किये गए लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए सूबा सरकार ने प्रशासन के अलग- अलग स्तरों पर पहले ही आवश्यक कदम उठाए गये हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि सूबा सरकार क्रमवार साल 2030 और 2047 तक इस दस्तावेज़ में निर्धारित लक्ष्यों को हासिल करन के लिए यतनशील है। उन्होंने कहा कि सूबा सरकार विजन दस्तावेज़ में प्रस्तावित लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हर संभव प्रयास करेगी। भगवंत मान ने उम्मीद ज़ाहिर की कि यह दस्तावेज़ सूबे को उच्च आर्थिक विकास की पटरी पर लाएगा। जिससे पंजाब की तरक्की और इसके लोगों की खुशहाली को बड़ा प्रौत्साहन मिलेगा।