अमृतसर : पंजाब ने 16वें वित्त आयोग के समक्ष अपने मामले को प्रभावी ढंग से प्रस्तुत करते हुए प्रदेश के सीमावर्ती जिलों में बड़े पैमाने पर औद्योगिक विकास को सुनिश्चित करने के लिए जम्मू और कश्मीर की तर्ज पर विशेष पैकेज की मांग की है, ताकि पंजाब से बाहरी राज्यों में पूंजी के पलायन को रोका जा सके। यहां 16वें वित्त आयोग के अध्यक्ष अरविंद पनगढ़िया के समक्ष अपना मामला प्रस्तुत करते हुए अतिरिक्त मुख्य सचिव (उद्योग एवं वाणिज्य) तेजवीर सिंह ने पंजाब के अनुकूल औद्योगिक माहौल का हवाला देते हुए औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से विकास सुनिश्चित करने के लिए आयोग से आवश्यक सहयोग की मांग पर जोर दिया। वर्णनीय है कि प्रस्तुत मामले में अटारी-वाघा सीमा पर व्यापारिक प्रतिबंधों के कारण हुए आर्थिक नुकसान को कम करने के लिए एकमुश्त मुआवजे की मांग के साथ-साथ सीमा के फिर से खुलने तक वार्षिक मुआवजे की मांग भी की गई। इसके अलावा कृषि उत्पादों और बासमती चावल के निर्यात को बढ़ाने के लिए एक समर्पित विशेष आर्थिक निर्यात क्षेत्र की भी मांग की गई।
औद्योगिक क्षेत्र को सुदृढ़ करने के लिए विशेष रूप से सीमावर्ती जिलों में लॉजिस्टिक्स की उच्च लागत को पूरा करने के लिए माल भाड़ा सब्सिडी की मांग भी की गई। इसी तरह कृषि क्षेत्र में फसल विविधता, प्रतिस्पर्धा और रोजगार के अवसरों को प्रोत्साहित करने के लिए एक उत्पादन-लिंक्ड इंसेंटिव (पी.एल.आई.) योजना, औद्योगिक विकास, प्रतिस्पर्धा और आधुनिकीकरण को प्रोत्साहित करने के लिए दीर्घकालिक ऋण और परिचालन पूंजी पर सब्सिडी वाली ब्याज दरों की भी मांग की गई। इसके साथ ही सीमावर्ती उद्योग को समर्थन देने के लिए पहाड़ी राज्यों की तर्ज पर विशेष कर लाभ की भी मांग की गई। इस अवसर पर विभिन्न क्षेत्रों के उद्योगपतियों ने आयोग को राज्य की एम.एस.एम.ईज़ को प्रोत्साहित करने के लिए रियायतें प्रदान करने की आवश्यकता से अवगत कराया।
इसके साथ ही पंजाब को समय पर खेप की समय-समय पर डिलीवरी के लिए बंदरगाहों पर मजबूत बुनियादी ढांचे को सुनिश्चित करने, माझे और दोआबे में बेहतर चिकित्सा बुनियादी ढांचा, हर शहर में ई.एस.आई. अस्पताल, एक देश एक शुल्क नीति, मुक्त व्यापार समझौतों (एफटीए) पर हस्ताक्षर करने से पहले उद्योग को विश्वास में लेना, किसानों को पराली जलाने से रोकने को प्रोत्साहित करने के लिए विशेष पैकेज, शहरी बुनियादी ढांचे को बढ़ावा देने के लिए लुधियाना, जालंधर और अमृतसर नगर निगमों को अनुदान, एम.एस.एम.ईज़ के लिए राष्ट्रीय स्तर के कोष, आतिथ्य क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देना, जल्दी खराब होने वाले और निर्यात किए जाने वाले फल उत्पादों को सुरक्षित रखने के लिए हवाई अड्डों पर कोल्ड चैंबर, फसल विविधता, जल संसाधनों और पर्यटन को बढ़ावा देने संबंधी मांगें भी रखीं।मेसर्स सावी इंटरनेशनल जालंधर के निदेशक मुकिल वर्मा ने खेल उद्योग को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया क्योंकि हमारा पड़ोसी देश खेल वस्तुओं के निर्यात में बहुत आगे है। इस मौके पर पंजाब के वित्त मंत्री हरपाल सिंह चीमा, एनआरआई मामलों के मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल, बिजली मंत्री हरभजन सिंह ईटीओ और परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर द्वारा श्री अरविंद पनगढ़िया का सम्मान भी किया गया।
इस अवसर पर अन्य लोगों के अलावा डिप्टी कमिश्नर अमृतसर घनश्याम थोरी, सीईओ इन्वेस्ट पंजाब और निदेशक उद्योग और वाणिज्य डी.पी.एस. खरबंदा, सी.आई.आई. पंजाब के चेयरमैन अभिषेक गुप्ता, पी.एच.डी.सी.सी.आई. पंजाब के क्षेत्रीय चेयरमैन आर.एस. सचदेवा, चेयरमैन मेसर्स पी.एच.डी.सी.सी.आई. पंजाब करण गिलहोत्रा, फेडरेशन ऑफ इंडिया एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशन के अध्यक्ष और विक्टर टूल्स एंड फॉरगिंग्ज जालंधर के निदेशक अश्विनी कुमार विक्टर, स्पोर्ट्स गुड्स मैन्युफैक्चरर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन जालंधर के महासचिव, मेसर्स सावी इंटरनेशनल जालंधर मुकिल वर्मा, प्रिंटिंग और प्रोसेसिंग एसोसिएशन अमृतसर के अध्यक्ष कृष्ण शर्मा, पंजाब राइस मिलर्स एंड एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन अमृतसर के अध्यक्ष अशोक कुमार सेठी, अरविंदर पाल सिंह (लाल किला), वित्त सचिव सीआईसीयू लुधियाना अजय भारती, होटल एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन अमृतसर के अध्यक्ष अरविंद पाल सिंह चट्ठा, पंजाब प्रदेश व्यापार मंडल (रजि.) अमृतसर के अध्यक्ष प्यारा लाल सेठ, बाल कला वेलफेयर एसोसिएशन अमृतसर के अध्यक्ष संदीप खोसला, फोकल पॉइंट इंडस्ट्रियल वेलफेयर एसोसिएशन अमृतसर के अध्यक्ष कमल डलमिया, संगरूर इंडस्ट्रियल चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष घनश्याम कांसल, मेसर्स सुखजीत स्टार्च फगवाड़ा के एमडी, मेसर्स गंगा एक्रोवूल लुधियाना के एमडी अमित थापर और मेसर्स वर्धमान ग्रुप के चेयरमैन सचित जैन शामिल थे।