चंडीगढ़ : पंजाब के वित्त, आबकारी और कराधान मंत्री एडवोकेट हरपाल सिंह चीमा ने आज यहाँ बताया कि जुलाई, 2017 से मार्च, 2022 की समय-सीमा के लिए वस्तुएँ और सेवाएं कर (जी.एस.टी) के अधीन बकाया मुआवज़े के तौर पर पंजाब को भारत सरकार से 3,670.64 करोड़ रुपए प्राप्त हुए हैं।
इस मामले संबंधी विस्तार सहित जानकारी देते हुए आबकारी और कराधान मंत्री हरपाल सिंह चीमा ने बताया कि जी.एस.टी. के अधीन मुआवज़े की समय-सीमा 30 जून, 2022 को ख़त्म हो गई थी, हालाँकि, पंजाब सरकार ने आबकारी और कराधान विभाग, पंजाब के द्वारा भारत सरकार के पास बकाया जीएसटी मुआवज़े का मुद्दा उठाया था। उन्होंने कहा कि राज्य के लगातार और अथक यत्नों के स्वरूप भारत सरकार द्वारा जुलाई, 2017 से मार्च, 2022 की समय-सीमा के बकाया मुआवज़े के तौर पर राज्य को 3,670.64 करोड़ रुपए की राशि के लिए आज 11 अक्तूबर, 2023 को मंज़ूरी के हुक्म जारी किए गए।
हरपाल सिंह चीमा ने बकाया मुआवज़ा राशि जारी करने के लिए केंद्रीय वित्त मंत्री का धन्यवाद करने के साथ-साथ कैग दफ़्तर और पंजाब के प्रमुख महांलेखाकारों का धन्यवाद किया है। उन्होंने बकाया मुआवज़ा राशि को प्राप्त करने के लिए आबकारी और कराधान विभाग, पंजाब के फील्ड और मुख्य दफ़्तर के अधिकारियों के बेमिसाल काम की भी सराहना की।
वित्त मंत्री चीमा ने बताया कि आबकारी और कराधान विभाग ने यह उपलब्धि वित्त कमिश्नर कराधान विकास प्रताप और कमिश्नर कराधान अर्शदीप सिंह थिंद की सीधी निगरानी और नेतृत्व अधीन किया है। उन्होंने अतिरिक्त कमिश्नर (ऑडिट) रवनीत सिंह खुराना और डी.सी.एफ.ए हरप्रीत कौर द्वारा किए गए यत्नों का विशेष तौर पर जिक्र किया। वित्त मंत्री ने प्रमुख सचिव वित्त ए.के. सिन्हा, सचिव व्यय मोहम्मद तय्यब और विशेष सचिव वित्त यशनजीत सिंह समेत वित्त विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी सराहना की।