चंडीगढ़ : पंजाब को नशामुक्त राज्य बनाने के लिए चल रहे अभियान को तेज करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान के दिशा-निर्देशों के अनुसार पंजाब पुलिस ने नशा तस्करी में शामिल लोगों की गतिविधियों पर नजर रखने के लिए राज्य स्तरीय अभियान ‘ओपीएस’ क्लीन’ शुरू किया है। यह अभियान डायरैक्टर जनरल आफ पुलिस (डीजीपी) पंजाब गौरव यादव के निर्देश पर चलाया गया है।विशेष डीजीपी कानून व्यवस्था अर्पित शुक्ला ने बताया कि सुबह सात बजे से दोपहर 12 बजे तक चलाए गए इस अभियान में नशा तस्करों से जुड़े स्थानों/घरों पर छापेमारी की गयी। उन्होंने कहा कि सभी सीपी/एसएसपी को व्यक्तिगत रूप से अभियान की निगरानी करने और गैजेटिड रैंक के अधिकारियों की देखरेख में पर्याप्त संख्या में पुलिस दल बनाने के लिए कहा गया है ताकि विभिन्न स्थानों पर एक साथ छापेमारी की जा सके।
बता दे कि इस अभियान के दौरान 5500 से अधिक पुलिसकर्मियों वाली 650 पुलिस टीमों ने नशा तस्करों से जुड़े 2247 स्थानों पर छापेमारी की और 2125 घरों की तलाशी ली गई।स्पेशल डीजीपी ने कहा कि पुलिस टीमों ने 1.8 किलो हेरोइन, 82 किलो भुक्की 1 किलो अफीम, 5.35 लाख रुपये की ड्रग मनी और चार हथियार बरामद करने के इलावा अवैध शराब, लाहन (शराब बनाने के लिए इस्तेमाल होने वाला कच्चा माल) और वाहन बरामद की किए है । इश संबंधी 48 एफआईआर दर्ज की गई है। पुलिस टीमों ने 78 मोबाइल फोन भी जब्त किए हैं, जिन्हें फॉरैंसिक जांच के लिए भेजा जाएगा।
उन्होंने कहा कि अभियान के दौरान नशा तस्करी में शामिल व्यक्तियों के घरों की बारीकी से तलाशी की गई और टीमों ने ऐसे लोगों से उनके मौजूदा कारोबार के बारे में भी पूछताछ की। उन्होंने कहा कि पुलिस टीमों ने घर में मौजूद तस्करों और उनके परिवार के सदस्यों की बैंक डिटेल और विदेश से लेन-देन की भी जांच की। विशेष डीजीपी कहा कि इस कारवाई को अंजाम देने का उद्देश्य से अंतरराज्यीय सीमाओं से नशे की आमद पर नजर रखने के इलावा नशा तस्करों पर कड़ी नजर रखना है। उन्होंने कहा कि इस तरह की छापेमारिया आगे भी जारी रहेगी।