चंडीगढ़ : मुख्यमंत्री स भगवंत सिंह मान के नेतृत्व में राज्यवासियों को बेहतर बुनियादी सुविधाएं प्रदान करने की प्रतिबद्धता के तहत, जल आपूर्ति और स्वच्छता विभाग ने वर्ष 2024 में ग्रामीण आबादी को शुद्ध पेयजल और बेहतर स्वच्छता सुविधाएं प्रदान करने में उल्लेखनीय लक्ष्य हासिल किए हैं। विभाग की वर्षभर की उपलब्धियों का खुलासा करते हुए जल आपूर्ति एवं स्वच्छता मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां ने बताया कि ‘हर घर जल’ के तहत पंजाब 100% ग्रामीण घरों को पाइप के जरिए जल आपूर्ति देने वाला देश का पांचवां राज्य बन गया है। जल गुणवत्ता और पानी की कमी की समस्याओं को हल करने के लिए 2174 करोड़ रुपये की लागत से 1706 गांवों को कवर करने वाले 15 बड़े नहरी जल परियोजनाएं चल रहे हैं ।
इन परियोजनाओं से लगभग 25 लाख की आबादी और 4 लाख परिवार लाभान्वित होंगे। स मुंडियां ने आगे बताया कि राज्य के सभी गांवों ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत खुले में शौच मुक्त दर्जा प्राप्त किया है। यह दर्जा प्राप्त करने के लिए कुल 5.64 लाख व्यक्तिगत घरेलू शौचालय और 1340 सामुदायिक शौचालय बनाए गए हैं। पंजाब के 10,435 से अधिक गांव ओडीएफ प्लस (इच्छुक) बन चुके हैं और 1,289 गांवों ने ओडीएफ प्लस (मॉडल) का दर्जा प्राप्त किया है। ठोस अपशिष्ट प्रबंधन के लिए 3366 गांवों में और ग्रे वॉटर प्रबंधन के लिए 9909 गांवों में अपशिष्ट प्रबंधन सुविधाएं प्रदान की गई हैं।
जल आपूर्ति और स्वच्छता मंत्री ने जानकारी देते हुए बताया कि एनएबीएल मान्यता प्राप्त 31 जल परीक्षण प्रयोगशालाओं का एक नेटवर्क सक्रिय है। इसके अलावा, दो मोबाइल जल परीक्षण प्रयोगशालाएं भी हैं, जो गांवों में मौके पर ही जल की गुणवत्ता जांचने में मदद करती हैं। प्रत्येक जिले में एक एनएबीएल मान्यता प्राप्त कार्यशील प्रयोगशाला उपलब्ध है।उन्होंने यह भी बताया कि पेडा के सहयोग से गौशालाओं में गोबर प्रबंधन के लिए जिला स्तर पर 20 बायोगैस प्लांट स्थापित किए गए हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में प्लास्टिक कचरे के प्रबंधन के लिए ब्लॉक स्तर पर 23 प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन यूनिट स्थापित की गई हैं।