नई दिल्ली। पीएम नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ के 120वें एपिसोड को संबोधित करते हुए ‘परीक्षा पे चर्चा’ का जिक्र किया और अपने बचपन के दिनों को याद कर कहा कि गर्मी की छुट्टियों में मैं और मेरे दोस्त दिनभर कुछ-ना-कुछ उत्पात मचाते रहते थे। पीएम मोदी ने ‘मन की बात’ में कहा कि जब परीक्षाएं आती हैं, तो युवा साथियों के साथ मैं ‘परीक्षा पे चर्चा’ करता हूं। अब परीक्षाएं हो चुकी हैं, बहुत सारे स्कूलों में तो दोबारा क्लास शुरू होने वाली हैं। इसके बाद गर्मी की छुट्टियों का समय भी आने वाला है। साल के इस समय का बच्चों को बहुत इंतजार रहता है।
पीएम मोदी ने कहा कि मुझे तो अपने बचपन के दिन याद आ गए जब मैं और मेरे दोस्त दिनभर कुछ-ना-कुछ उत्पात मचाते थे, लेकिन साथ ही हम कुछ रचनात्मक भी करते थे, सीखते भी थे। गर्मियों के दिन बड़े होते हैं, इसमें बच्चों के पास करने को बहुत कुछ होता है। यह समय किसी नई हॉबी को अपनाने के साथ ही अपने हुनर को और तराशने का भी होता है। आज बच्चों के लिए ऐसे प्लेटफॉर्म की कमी नहीं है, जहां वे कुछ सीख सकते हैं। जैसे कोई संस्था टेक्नोलॉजी कैंप चला रही हो, तो बच्चे वहां ऐप बनाने के साथ ही ओपन-सोर्स सॉफ्टवेयर के बारे में जान सकते हैं।
प्रधानमंत्री ने कहा कि अगर कहीं पर्यावरण की बात हो, थियेटर की बात हो, या लीडरशिप की बात हो, ऐसे कई विषय के कोर्स होते हैं, तो उससे भी जुड़ सकते हैं। ऐसे कई स्कूल हैं, जो स्पीच या ड्रामा सिखाते हैं, ये बच्चों को बहुत काम आते हैं। इन सबके अलावा आपके पास इन छुट्टियों में कई जगह चल रहे स्वयंसेवी गतिविधियों, सेवा कार्यों से भी जुड़ने का अवसर है। ऐसे कार्यक्रमों को मेरा विशेष आग्रह है। अगर कोई संगठन, स्कूल या सामाजिक संस्थाएं, या तो साइंस सेंटर ऐसी समर एक्टिविटी करवा रहे हों, तो इसे हैशटैग माई हॉलीडेज के साथ जरूर शेयर करें। इससे देश-भर के बच्चे और उनके माता-पिता को इनके बारे में जानकारी मिल सकेगी।
पीएम मोदी ने कहा कि मेरे युवा साथियों, मैं आज आपसे माई-भारत के उस खास कैलेंडर पर बात करना चाहता हूं जिसे इस समर वैकेशन के लिए तैयार किया गया है। इस कैलेंडर की एक कॉपी अभी मेरे सामने रखी है। मैं इस कैलेंडर से कुछ अनूठे प्रयासों को साझा करना चाहता हूं। जैसे माई-भारत के स्टडी टूर में आप ये जान सकते हैं कि हमारे जन औषधि केंद्र कैसे काम करते हैं। आप वाइब्रेंट विलेज अभियान का हिस्सा बनकर सीमावर्ती गांवों में एक अनोखा अनुभव ले सकते हैं। इसके साथ ही वहां कल्चर और स्पोर्ट्स एक्टिविटी का हिस्सा जरूर बन सकते हैं। वहीं अंबेडकर जयंती पर पदयात्रा में भागीदारी कर आप संविधान के मूल्यों को लेकर जागरूकता भी फैला सकते हैं।पीएम मोदी ने बच्चों और माता-पिता से अपील करते हुए कहा कि बच्चों और उनके माता-पिता से भी मेरा विशेष आग्रह है कि वे छुट्टियों के अनुभवों को हैशटैग हॉलीडे मेमोरीज के साथ जरूर साझा करें। मैं आपके अनुभवों को आगे आने वाली ‘मन की बात’ में शामिल करने की कोशिश करूंगा।