नई दिल्ली। बिहार के सारण जिले में एक दिन में दो पुल ढह गए। बीते 15 दिनों में बिहार में पुल गिरने की यह नौवीं घटना है। दोनों पुलों के ढहने से कई गांवों से संपर्क टूट गया और यातायात ठप हो गया है। इससे स्कूल और अस्पताल जैसी जरुरत की सेवाओं पर असर देखने को मिला। बता दें कि दोनों पुल गंडकी नदी पर बने थे। बिहार में लगातार गिर रहे पुल को लेकर सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका दायर की गई है।
याचिका में बिहार सरकार को निर्देश देने की मांग की गई है कि राज्य में सभी मौजूदा और निर्माणाधीन पुलों का उच्चतम स्तरीय संरचनात्मक ऑडिट कराया जाए और राज्य में पुल ढहने की घटनाओं को ध्यान में रखते हुए पुराने और कमजोर पुल या तो गिराया जाएं या उनका फिर से निर्माण कराया जाए। याचिकाकर्ता और वकील ब्रजेश सिंह ने सुप्रीम कोर्ट से बिहार सरकार को ऑडिट कराने के निर्देश जारी करने का आग्रह किया। याचिकाकर्ता ने कहा कि बिहार में पुल ढहने के मुद्दे पर सुप्रीम कोर्ट को तत्काल विचार करने की जरुरत है। उन्होंने कहा कि दो साल के अंदन तीन बड़े निर्माणाधीन पुल और बड़े, मध्यम और छोटे पुलों के ढहने की कई घटनाएं हुई हैं।
उन्होंने कहा कि इन घटनाओं में कई लोगों की मौत भी हुई है और कई घायल हुए हैं। उन्होंने कहा कि भविष्य में सरकार की घोर लापरवाही और ठेकेदारों और संबंधित एजेंसियों के भ्रष्ट गठजोड़ के कारण और भी घटनाएं हो सकती हैं। याचिकाकर्ता ने कहा कि यह बहुत चिंता की बात है कि बिहार जैसे बाढ़ प्रभावित राज्य में लगातार पुल गिर रहे हैं। बिहार में पुलों के गिरने की ऐसी घटनाएं विनाशकारी हैं। लोगों की जान बचाने के लिए सुप्रीम कोर्ट के तत्काल हस्तक्षेप की जरुरत है। जनहित याचिका में बिहार के अररिया, सिवान, मधुबनी और किशनगंज जिलों में कई पुलों के ढहने की घटनाओं को उजागर किया गया है, जिनमें ज्यादातर पुल नदी पर बने हैं।