नई दिल्ली । उत्तर भारत इन दिनों अत्यधिक गर्मी की चपेट में है। यहां भीषण गर्मी के कारण उत्तर प्रदेश और बिहार में कम से कम 98 लोगों की जान चली गई। गौरतलब है कि पिछले तीन दिनों में जहां यूपी में 54 लोगों की मौत हुई, वहीं बिहार में 44 लोगों की मौत हुई। एक अधिकारी ने कहा कि पिछले तीन दिनों में बुखार, सांस फूलने और अन्य स्वास्थ्य जटिलताओं की शिकायत के साथ बलिया के एक जिला अस्पताल में 400 से अधिक लोगों को भर्ती कराया गया था। 15-17 जून के बीच कम से कम 54 मरीजों की मौत हुई।
भर्ती किए गए अधिकांश रोगियों की आयु 60 वर्ष से अधिक थी। बलिया के मुख्य चिकित्सा अधिकारी जयंत कुमार ने बताया कि सभी व्यक्ति किसी न किसी बीमारी से पीडि़त थे और अत्यधिक गर्मी के कारण उनकी स्थिति खराब हो गई थी। ज्यादातर मौतें हार्ट अटैक, ब्रेन स्ट्रोक और डायरिया के कारण हुईं। स्वास्थ्य अधिकारी ने कहा कि 15 जून को 23, 16 जून को 20 और 17 जून को 11 मरीजों की मौत हो गई, जिससे सरकार को मौत के कारणों की जांच के लिए लखनऊ से डॉक्टरों की एक टीम बुलानी पड़ी।
इसी मामले में जिला अस्पताल के मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) दिवाकर सिंह ने बताया कि मरीजों और कर्मचारियों को हीट स्ट्रोक का खतरा न हो, इसके लिए अस्पताल में पंखे, कूलर और एयर कंडीशनर की समुचित व्यवस्था की गई है। मरीजों की भारी संख्या को ध्यान में रखते हुए डॉक्टरों और पैरामेडिकल स्टाफ की संख्या भी बढ़ाई गई है। भारतीय मौसम विज्ञान विभाग के अनुसार, शुक्रवार को बलिया में अधिकतम तापमान 42।2 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। वहीं, बिहार में पिछले 24 घंटे में भीषण गर्मी से 44 लोगों की मौत हो गई। अकेले पटना में 35, नालंदा मेडिकल कॉलेज एंड हॉस्पिटल में 19 और पीएमसीएच में 16 लोगों की मौत हुई है। राज्य के अन्य जिलों से नौ लोगों की मौत की खबर है।