चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर ने कहा कि प्रदेश के युवाओं के कौशल विकास के साथ-साथ उन्हें रोजगार के अवसर उपलब्ध कराना हमारी प्राथमिकता है। इसी कड़ी में अब हरियाणा कौशल रोजगार निगम के माध्यम से सरकारी विभागों में आउटसोर्सिंग आधार पर कर्मचारियों को नियुक्त करने के साथ-साथ अब निजी क्षेत्र को उनकी आवश्यकता अनुरूप श्रम शक्ति भी उपलब्ध कराई जाएगी। हरियाणा सरकार की इस पहल से कॉर्पोरेट सेक्टर को अपनी जरूरतों के हिसाब से वर्कफोर्स मिलने की राह आसान बनेगी। मुख्यमंत्री आज गुरुग्राम में आयोजित कॉर्पोरेट वार्ता का संबोधित कर रहे थे। हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड (एचकेआरएनएल) द्वारा प्रदेश के युवाओं को निजी क्षेत्र में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए कॉर्पोरेट वार्ता कार्यक्रम का आयोजन किया गया था।
पीएम के विज़न को हरियाणा में बनाया मिशन – मनोहर लाल ने प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी के स्किल इंडिया विज़न की प्रशंसा करते हुए कहा कि देश के युवाओं के कौशल विकास की जो दिशा प्रधानमंत्री ने दिखाई थी, हमने हरियाणा में उस विज़न को मिशन के रूप में आगे बढ़ाया है। इसके तहत पलवल के दूधौला में श्री विश्वकर्मा कौशल विकास विश्वविद्यालय खोला गया और मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हरियाणा राज्य कौशल विकास प्राधिकरण भी स्थापित किया गया है।
उन्होंने कहा कि युवाओं के कौशल विकास के साथ ही रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की दिशा में भी अनेक पहल की गई। हरियाणा कौशल रोजगार निगम लिमिटेड के पोर्टल पर प्रदेश के करीब आठ लाख युवा पंजीकृत है। निजी क्षेत्र अपनी श्रम शक्ति की जरूरतों को इस पोर्टल के माध्यम से पूरा कर सकता है। उन्होंने कहा कि पदमा योजना के तहत हर ब्लाक में कलस्टर बनाए जाएंगे। जिसके तहत एमएसएमई क्षेत्र में 14 हजार इकाईयों को प्रोत्साहन दिया जाएगा और साढ़े तीन लाख रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
पंजीकृत युवाओं के चयन का कॉर्पोरेट सेक्टर को मिलेगा विकल्प – मुख्यमंत्री ने कहा कि हरियाणा आज दुनिया भर में निवेशकों के लिए पहली पसंद बन चुका है। हरियाणा सरकार की नीतियों व प्रदेश के परिश्रमी निवासियों की बदौलत आज देश के बड़े राज्यों में प्रति व्यक्ति आय के मामले भी प्रदेश सबसे आगे है। उन्होंने बताया कि एचकेआरएनएल के माध्यम से कॉरपोरेट जगत को स्किल्ड, अन स्किल्ड व मैनेजमेंट आदि श्रेणियों में पंजीकृत युवाओं का डेटा शेयर किया जाएगा। इस डेटा में विशेषता यह रहेगी कि इंडस्ट्री अपनी आवश्यकता के जितने भी मानक जैसे संख्या, शिक्षा, अनुभव आदि तय करेगी उसी अनुरूप डेटा उपलब्ध होगा। साथ ही श्रमशक्ति के लिए निर्धारित संख्या से अधिक उम्मीदवार उपलब्ध कराए जाएंगे ताकि निजी क्षेत्र स्वयं इंटरव्यू लेकर चयन कर सके। इस कार्य में सरकार का किसी प्रकार का हस्तक्षेप नहीं होगा। हालांकि युवाओं के भविष्य के लिए ईएसआई, पीएफ आदि सुविधाओं का ध्यान रखा जाना चाहिए। इस कार्य से कंपनियों में स्टाफ की भर्ती पर होने वाले खर्च में कमी आएगी।
आसानी से वर्कफोर्स की जरूरत पूरा होने से इंडस्ट्री को होगी आसानी – उन्होंने कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों से संवाद करते हुए कहा कि परिवार पहचान पत्र (पीपीपी) के माध्यम से हरियाणा में आय के आधार पर परिवारों का डेटाबेस तैयार किया गया है। इस डेटाबेस में 13 लाख परिवार ऐसे है जिनकी आय एक लाख रुपये वार्षिक से कम है और 29 लाख परिवारों की आय 1.80 लाख रुपए से कम है। इन परिवारों को स्वरोजगार, सरकारी के अलावा निजी क्षेत्र में रोजगार दिलाना सरकार की प्राथमिकता है। उन्होंने कहा कि एचकेआरएनएल पोर्टल से श्रम शक्ति उपलब्ध होने से इंडस्ट्री को भी अपने काम-काज में आसानी होगी। उन्होंने यह भी कहा कि हरियाणा में पीपीपी के अनूठे कार्यक्रम की देशभर में सराहना हो रही है और अनेक राज्य इसका अनुसरण भी कर रहे हैं।
कॉरपोरेट जगत ने की मुख्यमंत्री की पहल की सराहना – मुख्यमंत्री के इस दृष्टिकोण की वार्ता में पहुंचे कॉर्पोरेट प्रतिनिधियों ने सराहना की। रिलांयस एमईटी, मारूति सुजुकी, एलएमएल ग्रुप, एसोचैम, फरीदाबाद, गुरुग्राम, राई आदि क्षेत्रों की विभिन्न औद्योगिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी वर्कफोर्स की जरुरतों के लिए एचकेआरएनएल के डेटा से पूरा करना का भरोसा दिया। मुख्यमंत्री को अनेक प्रतिनिधियों ने आवश्यक सुझाव भी दिए।
एचकेआरएनएल का देश के दूसरे राज्यों ने भी किया अनुसरण : मुख्य सचिव
वार्ता में मुख्य सचिव श्री संजीव कौशल ने कहा कि हरियाणा के युवाओं को पारदर्शी तरीके से रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने के लिए शुरू की गई हरियाणा कौशल रोजगार निगम की पॉलिसी का अब देश के अन्य राज्य भी अनुसरण कर रहे हैं। उन्होंने बताया कि देश के विभिन्न राज्यों ने इस पॉलिसी को अपने राज्य में लागू करने के लिए हरियाणा सरकार से इसके नियम व शर्तों की जानकारी मांगी है। हरियाणा कौशल रोजगार निगम के शुरू होने से प्रदेश में सरकारी महकमों में ठेकेदारी प्रथा को बंद करने व लाभार्थियों को उनका ईपीएफ व ईएसआई का पैसा पूरी पारदर्शिता के बिना किसी भेदभाव के दिया जा रहा है। इसी क्रम में इस योजना में कॉर्पोरेट संस्थानो की सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए सरकार ने इस पोर्टल के माध्यम से निजी संस्थानों में रोजगार के अवसर उपलब्ध कराने की एक नई पहल की है।
देश में अपनी तरह का पहला प्रयोग : मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव
कार्यक्रम में मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव श्री वी.उमाशंकर ने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से अपने विचार रखते हुए कहा कि निजी क्षेत्रों में सरकारी पोर्टल के माध्यम से रोजगार उपलब्ध कराने का यह देश का पहला प्रयोग है। उन्होंने कॉर्पोरेट संस्थानों के प्रतिनिधियों को आश्वस्त किया कि पोर्टल को और बेहतर बनाने के लिए उनकी तरफ से जो भी सुझाव दिए गए हैं उनको प्रमुखता से लागू किया जाएगा।
वर्कफोर्स का पोर्टल पर समर्पित डेटाबेस : सीईओ एचकेआरएनएल
मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव व एचकेआरएनएल के सीईओ के मकरंद पांडुरंग ने निगम के पोर्टल पर पंजीकृत युवाओं की जानकारी देते हुए बताया कि निगम के पास वर्तमान में पीएचडी के 373, पोस्ट ग्रेजुएट (एमएससी, एमबीए, एमकॉम, एमटेक व इसके समकक्ष) श्रेणी में 45 हजार 342, ग्रेजुएट ( बीटेक, बीएससी, बीबीए, बीकॉम व इसके समकक्ष) श्रेणी के 1 लाख 33 हजार 480, आईटीआई, टेक्निकल, नॉन टेक्निकल सर्टिफिकेट और डिप्लोमा श्रेणी में 9 हजार 216, हायर सेकेंडरी शिक्षा प्राप्त श्रेणी में 2 लाख 23 हजार 72, दसवीं पास श्रेणी में 1 लाख 18 हजार 668 व मैट्रिकुलेशन से नीचे की श्रेणी में 2 लाख 41 हजार 866 कैंडिडेट्स रजिस्टर्ड है। जिसमें से उद्योग जगत अपनी जरूरतों के हिसाब से मैनपावर का चयन कर सकते हैं।
कॉर्पोरेट वार्ता कार्यक्रम में केंद्रीय राज्य मंत्री एवं सांसद राव इंद्रजीत सिंह भी वीडियो कांफ्रेंस से शामिल हुए। कार्यक्रम में गुरुग्राम के विधायक सुधीर सिंगला, पटौदी के विधायक सत्यप्रकाश जरावता, मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव डीएस ढेसी, उद्योग एवं वाणिज्य विभाग के महानिदेशक शेखर विद्यार्थी, मुख्यमंत्री के मीडिया सलाहकार अमित आर्य सहित अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।