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किसान बदलाव लाएंगे तभी भारत 2047 में आजादी की शताब्दी का जश्न मनाएगा : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़

चंडीगढ़- माननीय उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने कहा किसान देश की अर्थव्यवस्था की धुरी है। उन्हें कृषि की नवीनतम प्रौद्योगिकियों और नवाचारों को अपनाकर व्यक्तिगत लाभ के साथ देश की अर्थव्यवस्था को और मजबूत बनाना चाहिए। उपराष्ट्रपति आज हिसार के चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय और कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा द्वारा आयोजित तीन दिवसीय कृषि विकास मेला-2023 के उद्घाटन अवसर पर बतौर मुख्यातिथि किसानों को संबोधित कर रहे थे। उनके साथ उनकी धर्मपत्नी सुदेश धनखड़ भी मौजूद रही, जबकि सम्मानीय अतिथियों में कृषि मंत्री, हरियाणा जेपी दलाल व शहरी स्थानीय निकाय मंत्री डॉ. कमल गुप्ता मौजूद रहे। इनके अलावा राज्यसभा सांसद जनरल डीपी वत्स व हरियाणा राज्य कृषि विपणन मंडल के अध्यक्ष आदित्य देवी लाल सहित कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा में प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार भी मंच पर उपस्थित रहें, जबकि हकृवि के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने मेले में सभी का स्वागत कर अभिनंदन किया।

उपराष्ट्रीय जगदीप धनखड़ ने किसानों को संबोधित करते हुए कहा यदि आप बदलाव लाएंगे, तभी हमारा देश 2047 में जब अपनी आजादी की शताब्दी का जश्न मनाएगा। तभी भारत विश्व का नंबर-1 देश बनेगा। इसके लिए किसानों को कृषि उत्पादों के व्यापार के द्वारा कृषि उत्पादों में मूल्य वृद्धि करना सुनिश्चित करें। उन्होंने कहा कि कृषि उत्पादों के व्यापार के द्वारा, कृषि उत्पादों में मूल्य वृद्धि कर वे अपनी तरक्की सुनिश्चित करें। उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज लोग सरकारी व निजी कंपनियों से नौकरी छोडक़र कृषि से संबंधित व्यापार कर रहे हैं और कृषि उत्पादन में अपना हाथ आजमा रहे हैं, जोकि बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि जो उत्पाद किसान पैदा कर रहे हैं उनको बाजार में स्वयं बेचें। उन्होंने कहा किसान सरकार द्वारा इस संबंध में चलाई जा रही योजनाओं का लाभ उठाएं और अपनी आय को बढ़ाएं।

उपराष्ट्रपति ने कृषि के क्षेत्र में हो रही नई तकनीकी उन्नति और नवाचारों को अपनाने के लिए किसानों से आग्रह किया। उन्होंने कहा कि कृषि यंत्रों पर सरकार जो छूट दे रही है किसान उसका लाभ उठाएं। वे सरकार द्वारा नए ट्रैक्टर पर दी जा रही सब्सिडी का भी लाभ उठाएं और अपनी पैदावार बढ़ाएं। उपराष्ट्रपति ने एशियाई खेलों में भारतीय खिलाडिय़ों की प्रशंसा करते हुए कहा कि हरियाणा के खिलाडिय़ों ने एक तिहाई पदक अपने नाम किए हैं, जो एक बहुत बड़ी उपलब्धि है। उन्होंने कहा कि हरियाणा के दूध, घी, दही में अनोखी शक्ति है क्योंकि जो काम हरियाणा के खिलाडिय़ों ने करके दिखाया है वह कोई और नहीं कर पाया। उन्होंने यह भी कहा कि भारत पहली बार एशियाई खेलों में 100 से अधिक पदक प्राप्त करने में सफल रहा है।

हरियाणा सरकार किसानों के प्रति समर्पित : कृषि मंत्री जे.पी. दलाल

कृषि मंत्री जेपी दलाल ने बताया कि हरियाणा में किसान चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय, हिसार की उन्नत किस्में व प्रौद्योगिकियों तथा कृषि विभाग की बेहतर योजनाओं से न सिर्फ फसल उत्पादन में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं बल्कि पशुपालन, मछली पालन, सब्जी, मशरूम व मधुमक्खी पालन में भी बेहतरीन कार्य कर अपनी आमदनी बढ़ा रहे हैं। प्रदेश में 27 हजार एकड़ लवण प्रभावित भूमि को खेती योग्य बनाया गया है। जल संरक्षण के लिए खेती में टपका सिंचाई व फव्वारा सिंचाई को बढ़ावा देकर उत्पादन को बढ़ावा देने के लिए बजट बढ़ाया गया है, जिसके लिए प्रदेश सरकार किसानों को 85 प्रतिशत तक सब्सिडी दे रही है।

उन्होंने बताया कि 830 करोड़ रुपये भावांतर भरपाई योजना के अंतर्गत किसानों को आवंटित किए गए हैं। पशुपालन विभाग द्वारा भी किसानों को बेहतर सुविधाएं प्रदान की जा रही हैं। इन प्रयासों से हरियाणा प्रदेश दुग्ध उत्पादन में देश में दूसरे स्थान पर है। उन्होंने मेले में उपस्थित किसानों से आह्वान किया कि कृषि की आधुनिक तकनीकों को अपनाने, श्रीअन्न फसलों को बढ़ावा देने, कृषि में जल संरक्षण की तकनीकों को शामिल करने, फसल उत्पादन के साथ अन्य कृषि संबंधित व्यवसायों को बढ़ावा देने के साथ कृषि उत्पादों के प्रसंस्करण को बढ़-चढक़र अपनाएं ताकि कृषि फायदेमंद व्यवसाय बन सकें। कृषि मंत्री ने कहा कि हरियाणा सरकार किसानों के प्रति समर्पित है और किसानों की आय बढ़ाने के लिए हर तरह के प्रयास किए गए हैं।

श्रीअन्न को बढ़ावा देने से किसान समृद्ध होगा व लोगों का स्वास्थ्य सुधरेगा : प्रो. बी.आर. काम्बोज

विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बी.आर. काम्बोज ने अध्यक्षीय भाषण मेेे कहा कि हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय किसानों की प्रगति के लिए निरंतर प्रयत्नशील है । इस विश्वविद्यालय ने विभिन्न फसलों, फलों, सब्जियों, तिलहनों, चारा आदि की 284 उन्नत किस्में विकसित करके किसानों को दी है ताकि वे अधिक उत्पादन लेकर ज्यादा लाभ प्राप्त कर सकें। उन्होंने हरियाणा प्रदेश में जैविक खेती को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय में चल रहे कार्यों के बारे में विस्तार से बताया। उन्होंने कहा मिल्लेट्स जिनकों पोष्टिकता के आधार पर श्रीअन्न की संज्ञा दी गई है, के विकास हेतु विश्वविद्यालय ने शोध कार्यों को गति दी है। इसके लिए गोकुलपुरा (भिवानी) में एक पोषक अनाज अनुसंधान केन्द्र स्थापित किया है।

श्रीअन्न की उन्नत प्रौद्योगिकी के विकास के साथ इसके 11 प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन तैयार किए गए हैं। उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय द्वारा किसानों को रोजगार प्रेरक इकाई स्थापित करने के लिए कृषि व्यवसाय ऊष्मायन केन्द्र (एबिक) की स्थापना की गई है। इस केन्द्र के माध्यम से किसानों को अपने उत्पाद तैयार करने व बिक्री प्रबन्धन के लिए प्रशिक्षित किया जाता है तथा नई इकाई स्थापित करने के लिए विभिन्न बंैकों के माध्यम से 5 लाख रूपये से 25 लाख रूपये तक की ऋण सुविधा उपलब्ध करवाई जाती है। विश्वविद्यालय ने अब तक 100 से अधिक स्टार्टअप्स इस सेंटर के माध्यम से तैयार किए है।

हरियाणा एकमात्र प्रदेश जहां सरकार 14 फसलों पर दे रही एमएसपी : प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार

कृषि एवं किसान कल्याण विभाग, हरियाणा में प्रधान सचिव विजयेंद्र कुमार ने कहा कि इस मेले में विशेष तौर पर किसानों को ड्रोन, प्राकृतिक खेती व मिलेट फसलों के उत्पादन से जुड़ी तकनीक के बारे में जागरूक किया जाएगा। उन्होंने किसानों के कल्याण के लिए उठाए कदमों पर प्रकाश डालते हुए कहा कि प्रदेश में 14 फसलों पर एमएसएपी दिया जा रहा है। प्रदेश ने स्मार्ट एग्रीकल्चर की ओर कदम बढ़ाया है और साथ ही किसानों को ड्रोन पायलट ट्रेनिंग दी जा रही है, जिसके अंतर्गत करनाल में स्थापित ड्रोन ट्रेनिंग सेंटर से किसानों का एक बैच ट्रेनिंग भी ले चुका है। उन्होंने बताया कि प्रदेश में पराली जलाने की घटनाओं में बहुत गिरावट आई है। उन्होंने कहा कि यह संख्या जो पूर्व में 15 हजार थी, पिछले साल घटकर 3 हजार रह गई है। इस साल इसमें और गिरावट आने की संभावना है।कार्यक्रम में विश्वविद्यालय के विभिन्न विभागों व कृषि विभागों द्वारा लगाई गई स्टालों का मुख्य अतिथि सहित अन्य अधिकरियों ने अवलोकन भी किया। इस दौरान उपराष्ट्रपति ने पौधरोपण कर अधिक से अधिक पेड़ लगाने का संदेश दिया।

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