चंडीगढ़ – हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राष्ट्रीय एकता दिवस पर देश के प्रथम गृह मंत्री लौह पुरुष सरदार वल्लभ भाई पटेल को याद करते हुए उन्हें शत्-शत् नमन किया। सरदार पटेल की जयंती पर मुख्यमंत्री ने उनके चरणों में पुष्पांजलि अर्पित की और समाज को उनके दिखाए मार्ग पर चलने का संदेश दिया। मुख्यमंत्री मंगलवार को चंडीगढ़ स्थित हरियाणा सिविल सचिवालय में राष्ट्रीय एकता दिवस पर आयोजित शपथ समारोह में बोल रहे थे। मुख्यमंत्री ने कहा कि आज 31 अक्टूबर का दिन देशभर में सरदार वल्लभ भाई पटेल के जन्मदिन को राष्ट्रीय एकता दिवस के रूप में मनाया जाता है। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल ने स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई, वहीं आजादी के बाद देश को एक सूत्र में पिरोने का अतुलनीय कार्य भी किया।
सरदार पटेल ने 562 रियासतों का किया एकीकरण – मनोहर लाल ने कहा कि जब देश आजाद हुआ, तो उस समय देश की रियासतों में बंटा था। अंग्रेजों ने भारत को आजाद तो किया लेकिन देश की 565 रियासतों को यह कहते हुए उनकी मर्जी पर छोड़ दिया कि यदि कोई रियासत एक संविधान के तहत नहीं आना चाहती तो वे स्वतंत्र हैं, उनके अपने संविधान के लिए। लेकिन उस समय सरदार पटेल ने अपनी सूझबूझ से 562 रियासतों का एकीकरण कर एकता के सूत्र में पिरोने का काम किया।
सरदार पटेल की तरह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी देश को एकीकृत करने का काम किया – मुख्यमंत्री ने कहा कि देश की 565 रियासतों में से केवल 3 रियासतों ने एक संविधान के तहत आने से इनकार कर दिया था। तत्पश्चात इन रियासतों को समझाने के लिए सरदार वल्लभ पटेल को 2 रियासतों की तथा 1 रियासत की जिम्मेवारी पंडित जवाहरलाल नेहरू को सौंपी गई थी। सरदार पटेल ने दोनों रियासतों को समझा कर एक एक संविधान के तहत लाने का सफल कार्य किया। परंतु पंडित जवाहर लाल नेहरू उस एक रियासत (जम्मू एवं कश्मीर) को नहीं समझा पाए और वहां धारा 370 लागू करके उन्हें एक अलग राष्ट्र का दर्जा देना पड़ा। लंबे वर्षों तक जम्मू एवं कश्मीर देश का अंग नहीं बन पाया। देश की संसद जब कोई कानून पास करती थी, तो जब तक वहां कि असेंबली नहीं चाहती थी, वो कानून जम्मू एवं कश्मीर में लागू नहीं होता था।
मनोहर लाल ने कहा कि लंबे समय बाद जब देश को श्री नरेंद्र मोदी के रूप में प्रधानमंत्री मिला, तो उन्होंने बिना किसी विवाद के धारा – 370 और 35-ए को समाप्त कर जम्मू एवं कश्मीर को भारत का अभिन्न अंग बनाकर पूरे देश को एकता के सूत्र में पिरोया। उन्होंने कहा कि सरदार पटेल द्वारा देश की एकता व अखंडता के लिए दिए गए अतुलनीय योगदान को याद करते हुए गुजरात में एक भव्य स्मारक बनाया गया है, जहां सरदार पटेल की विश्व का सबसे ऊंचा स्टैच्यू स्थापित किया गया है। इसका नाम स्टैच्यू ऑफ यूनिटी रखा गया है, जो भावी पीढ़ियों के लिए एकता का प्रतीक है।
अखिल भारतीय सेवा भी देश की एकता का प्रतीक – मुख्यमंत्री ने कहा कि सरदार पटेल ने भारतीय प्रशासनिक प्रणाली, आईएएस की भूमिका के संबंध में कहा था कि आईएएस ईज़ स्टील फ्रेमवर्क ऑफ दी कंट्री अर्थात यह सर्विस हमारे देश की रीढ़ है। इस सेवा के अधिकारी अपने परिवार को छोड़कर देश के अन्य-अन्य राज्यों व प्रांतों में समर्पित भाव से अपनी सेवाएं देते हैं, इनका यही भाव देश को एकता के सूत्र में पिरोये रखने में अहम भूमिका निभाता है। अन्यथा कई अलगाववादी भाव रखने वाले कुछ ग्रुप देश को तोड़ने की कोशिश करते हैं।
राष्ट्रीय एकता दिवस पर मुख्यमंत्री ने दिलाई शपथ – शपथ समारोह में मुख्यमंत्री ने कार्यक्रम में उपस्थित अधिकारियों एवं कर्मचारियों को राष्ट्र की एकता एवं अखंडता की शपथ दिलवाई- ‘मैं सत्यनिष्ठा से शपथ लेता हूँ कि मैं राष्ट्र की एकता, अखंडता और सुरक्षा को बनाए रखने के लिए स्वयं को समर्पित करुंगा और अपने देशवासियों के बीच यह संदेश फैलाने का भी भरसक प्रयत्न करुंगा। मैं यह शपथ अपने देश की एकता की भावना से ले रहा हूँ जिसे सरदार वल्लभभाई पटेल की दूरदर्शिता एवं कार्यों द्वारा संभव बनाया जा सका। मैं अपने देश की आंतरिक सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए अपना योगदान करने का भी सत्यनिष्ठा से संकल्प करता हूँ।’
इस अवसर पर राजस्व एवं आपदा प्रबंधन विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव तथा वित्त आयुक्त, राजस्व टीवीएसएन प्रसाद, चिकित्सा शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग की अतिरिक्त मुख्य सचिव डॉ सुमिता मिश्रा, मत्स्य विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अंकुर गुप्ता, वित्त विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनुराग रस्तोगी, अभिलेखागार विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अशोक खेमका, पर्यावरण, वन एवं वन्यजीव विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव विनीत गर्ग, विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव वी उमाशंकर, महिला एवं बाल विकास विभाग की आयुक्त एवं सचिव अमनीत पी कुमार, मुख्यमंत्री के अतिरिक्त प्रधान सचिव डॉ अमित अग्रवाल, मुख्यमंत्री के उप प्रधान सचिव के मकरंद पाण्डुरंग, माध्यमिक शिक्षा विभाग के निदेशक अंशज सिंह, उच्चतर शिक्षा विभाग के निदेशक राजीव रतन और सूचना, लोक संपर्क, भाषा एवं संस्कृति विभाग के अतिरिक्त निदेशक (प्रशासन) विवेक कालिया और संयुक्त निदेशक (प्रेस) डॉ साहिब राम गोदारा सहित अन्य अधिकारी व कर्मचारी उपस्थित थे।