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जन संवाद पोर्टल पर अपलोड हुए कार्यों को प्रतिदिन देखें अधिकारी- मनोहर लाल

चंडीगढ़- हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि अधिकारी जन संवाद पोर्टल पर अपलोड हुए सभी प्रकार के विकासात्मक कार्यों को प्रतिदिन देखें और एक लक्ष्य निर्धारित करते हुए इन्हें जल्द से जल्द पूरा करने के लिए आवश्यक कार्यवाही करें। अधिकारी विकास कार्यों की प्लानिंग जितनी ज्यादा करेंगें उतना ही प्रदेश की जनता को फायदा होगा। प्रदेश सरकार की मंशा है कि जन संवाद कार्यक्रम के दौरान नागरिकों द्वारा उठाए जा रही सभी मांगों व शिकायतों को प्राथमिकता देते हुए इन्हें पूरा किया जाए। मनोहर लाल आज यहां विकास एवं पंचायत विभाग द्वारा विकास कार्यों की प्रगति को लेकर आयोजित एक समीक्षा बैठक की अध्यक्षता कर रहे थे। इस अवसर पर विकास एवं पंचायत मंत्री श्री देवेन्द्र सिंह बबली भी उपस्थित थे।

बैठक में विभाग द्वारा किए जा रहे विकास कार्यों की समीक्षा करते हुए मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि पहले प्रदेशभर से विकास कार्यों को लेकर जो भी मांगें आती थी वे संबंधित विभागों द्वारा मनमर्जी के आधार पर पूरी होती थी। इसी को देखते हुए वर्तमान प्रदेश सरकार द्वारा गत वर्ष अप्रैल माह में जन संवाद कार्यक्रम शुरू किया गया ताकि लोगों से मिलने वाली सभी मांगों का पंजीकरण हो और उसी आधार पर प्राथमिकता के साथ ऐसे कार्यों को अमलीजामा पहनाया जा सके। उन्होंने कहा कि वर्तमान में विकास कार्यों से संबंधित लगभग 70,000 डिमांड/शिकायत जन संवाद पोर्टल पर अपलोड हो चुकी हैं।

प्रदेश में चल रहे विकसित भारत संकल्प यात्रा जन संवाद कार्यक्रमों में आने वाली सभी मांगों को भी इस पोर्टल पर अपलोड किया जाएगा। उसके बाद प्राथमिकता के आधार पर सभी कार्यों को धरातल पर लाने की दिशा में संबंधित विभाग कार्य करेगें। इस कड़ी में विकास एवं पंचायत विभाग की भी अहम जिम्मेदारी बनती है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने कहा कि जन संवाद पोर्टल से अब हमें चंडीगढ बैठे ही पता चलता है कि किस इलाके की क्या मांग है और कौन-कौन से काम लंबित हैं ताकि इन्हें प्राथमिकता देते हुए तेजी से पूरा करवाया जा सके। उन्होंने कहा कि ग्रामीण आंचल में विकास कार्यों के लिए धन की कोई कमी नहीं है अगर बजट को और बढाना पडेगा तो भी हम बढाएगें।

विश्वविद्यालयों के छात्र बनायेंगे एस्टीमेट, विकास कार्यों को मिलेगी गति – मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश के ग्रामीण आंचल में छोटे स्तर के विकासात्मक कार्यों को गति देने के लिए विश्वविद्यालयों के विशेषतौर पर इंजीनियरिंग के छात्रों को ऐसे कार्यों से जोड़ा जायेगा। गांव में छोटे स्तर के विकास कार्यों जैसे की गलियों का निर्माण व इनकी मरम्मत, शिवधाम की मरम्मत आदि के रफ एस्टीमेट बनवाने के लिए इन छात्रों की सेवाएं ली जाएंगी ताकि जन संवाद पर ऐसे सभी कार्यों को लेकर आई मांगों की विकास परियोजनाओं को गति दी जा सके। हालांकि ऐसे सभी कामों को संबंधित विभाग के अधिकारी ही अंतिम रूप देंगे।

बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक ने मुख्यमंत्री को अवगत कराया कि इस विषय में तीन विश्वविद्यालयों के कुलपति व हरियाणा स्टेट एजुकेशन कांउसिल के साथ उनकी बातचीत हो चुकी है। विश्वविद्यालयों के मनोनीत अधिकारी के साथ विकास एवं पंचायत विभाग का तालमेल हो चुका है और ऐसे सभी छात्रों का दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम भी करवाया जायेगा। यह कदम विश्वविद्यालयों के छात्रों के लिए एक बेहतर इंटर्नशिप कार्यक्रम भी होगा। बैठक में मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने राज्य वित आयोग व केन्द्रीय वित आयोग के अनुदान के खर्च व उपयोग, जिला परिषद, ग्राम पंचायत व पंचायत समिति में विकास कार्यों, अमृत सरोवर व अमृत प्लस सरोवर आदि की समीक्षा करते हुए अधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिए। साथ ही विकास परियोजनाओं की मैपिंग को लेकर भी चर्चा की।

बैठक में विकास एवं पंचायत विभाग के अतिरिक्त मुख्य सचिव अनिल मलिक, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव  वी. उमाशंकर, विकास एवं पंचायत विभाग के महानिदेशक  डी के बेहरा, निदेशक ग्रामीण विकास डा. जे के आभीर सहित प्रदेश के सभी जिलों से आए मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिला परिषद व जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी भी उपस्थित थे।

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