नई दिल्ली। सड़क हादसों पर अंकुश लगाने दिल्ली में अब वाहनों की गति को 50 किमी प्रतिघंटा करने पर भी विचार किया जा रहा है। अभी यह गति 70 किमी प्रतिघंटा है। इसे लेकर यातायात पुलिस ने कवायद शुरू दी है, जल्द ही ट्रांसपोर्ट विभाग को सर्कुलर भेजा जा सकता है।इसके साथ ही सर्दी में घने कोहरे की वजह से हादसों को रोकने यातायात पुलिस ने गति सीमा पर निगरानी के लिए लेजर स्पीड गन लगाने की तैयारी कर रही है। अभी कैमरे लगे हैं। लेजर स्पीड गन को लेकर सर्कुलर भी जारी कर दिया गया है।
सर्कुलर में सभी ट्रैफिक उपायुक्त, टीआई को निर्देश दिए हैं कि वे अपने तौर पर उन स्पॉट की जानकारी लें, जहां पर हादसे और वाहनों की रफ्तार तेज होती है। यातायात पुलिस अधिकारी के मुताबिक दिल्ली में 36 से ज्यादा ऐसे स्पॉट हैं, जहां वाहन नियमों का उल्लंघन करते हैं। इस वजह से वहां पर सड़क हादसे होते हैं और लोगों अपनी जान गवाते हैं। इसमें उत्तरी जिले के रिंग रोड, आउटर रिंग रोड, नरेला व अलीपुर जैसे दिल्ली के बाहरी इलाके के बेल्ट के भी इलाके हैं।अत्याधुनिक लेजर स्पीड गन तय सीमा से ज्यादा वाहनों की गति को एक किमी दूर से ही केच कर लेती है। इस गन में यह पता चलेगा कि वह मानक से कितनी तेज गाड़ी चला रहा था।
लेजर का इस्तेमाल टेलगेटिंग प्रवर्तन, फोटो और वीडियो आधारित गति प्रवर्तन, विचलित ड्राइविंग, सांख्यिकीय डेटा संग्रह और आपदाओं के माप के लिए किया जाता है।यातायात पुलिस के स्पेशल सीपी ने बताया कि हमारी कोशिश है कि किसी तरह से वाहनों से होने वाले हादसे कम हों। सर्दी में कोहरे के चलते हादसों का खतरा बढ़ जाता है, इसलिए लेजर स्पीड गन से तेज गति से वाहन चलाने वालों पर कड़ी नजर रखी जाएगी। अपनी गति कम करें और किसी भी स्थिति में ज्यादा समय देने के लिए वाहनों से दूरी बनाकर चलें।उन्होंने कहा कि कोहरा प्रकाश को परावर्तित करता है, इसलिए हाई बीम का इस्तेमाल करने से देखना मुश्किल हो सकता है। कोहरा आपकी खिड़कियों पर जमा हो जाता है, इसलिए दृश्यता बढ़ाने के लिए अपने डीफ़्रॉस्टर और वाइपर का इस्तेमाल करें। तेज आवाज में संगीत या ध्यान भटकाने वाली चीजों से बचें।