नई दिल्ली । पूर्व ओलंपियन मुक्केबाज मनोज कुमार अब कोचिंग करते हुए नजर आयेंगे। मनोज ने लाइट वेल्टरवेट 64 किग्रा में 2010 राष्ट्रमंडल खेलों में स्वर्ण पदक जीता था। इसके साथ ही उनके नाम एशियाई चैंपियनशिप में दो कांस्य पदक भी हैं। राष्ट्रमंडल खेलों में दूसरा और अंतिम कांस्य पदक उन्होंने 2018 गोल्ड कोस्ट खेलों में जीता था। मनोज 2012 लंदन और 2016 रियो दि जिनेरियो दोनों में प्री क्वार्टरफाइनल में पहुंचे थे। इस मुक्केबाज ने कहा, ‘‘अब मैं 40 साल का हो गया हूं तो मैंने खेल को अलविदा कह कर कोच के तौर पर काम करना तय किया है।
अंतरराट्रीय नियमों के अनुसार अब में एमेच्योर प्रतियोगिताओं में भी हिस्सा नहीं ले सकता हूं। ’’ मनोज ने अपना मुक्केबाजी करियर 1997 में जूनियर स्तर पर शुरू किया था और 2021 में पटियाला में राष्ट्रीय खेल संस्थान से कोचिंग डिप्लोमा हासिल किया था। राष्ट्रीय महासंघ के साथ विवाद के कारण बीच के दौरा में उनका करियर गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों के बाद आगे नहीं बढ़ पाया और वह इसके बाद किसी अंतरराष्ट्रीय टूर्नामेंट में शामिल नहीं किये गये।