चंडीगढ़ : पंद्रहवीं हरियाणा विधान सभा के नवनिर्वाचित विधायकों के लिए मंगलवार को हरियाणा निवास में प्रारंभिक प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम को विधान सभा अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण और पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा, विधानसभा के पूर्व अतिरिक्त सचिव राम नारायण यादव ने भी संबोधित किया। इस सत्र में पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के विशेषज्ञ चक्षु रॉय ने विधायकों को विधायी कामकाज की बारीकियां बताई। भविष्य में प्रशिक्षण का बड़ा कार्यक्रम भी किया जाएगा।
विस अध्यक्ष हरविन्द्र कल्याण ने कहा कि संविधान ने जनप्रतिनिधियों को सम्मानजनक स्थान दिया है। विधानमंडलों को सर्वोच्च शक्तियां प्रदान की गई हैं। इनकी कार्यवाहियों पर किसी भी स्तर के न्यायालय द्वारा हस्तक्षेप नहीं किया जाता। ऐसे में यह व्यवस्था अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का बड़ा आदर्श रूप बनने के साथ-साथ जनता की आवाज का सशक्त माध्यम है। उन्होंने कहा कि प्रश्नकाल, शून्यकाल, ध्यानाकर्षण प्रस्ताव, स्थगन प्रस्ताव, अविश्वास प्रस्ताव आदि के तकनीकी पक्ष जानना बहुत जरूरी है। उन्होंने कहा कि आने वाले बजट सत्र से पहले दो दिन का प्रशिक्षण सत्र भी आयोजित किया जाएगा। विशेष रूप से पहली बार चुन कर आए सदस्य तो इसमें भाग लें ही, बल्कि सभी सदस्य इस प्रशिक्षण सत्र में जरूर भाग लें। उन्होंने खासकर नए सदस्यों का आह्वान किया कि वे प्रशिक्षण को लेकर गंभीरता बरतें। गंभीरता ही सदन को सही दिशा में लेकर जाती है।
कैबिनेट मंत्री कृष्ण लाल पंवार ने प्रशिक्षण सत्र में अपने अनुभव साझा किए और कहा कि पहली बार विधायक बनकर आए सदस्य सत्र में वरिष्ठ विधायकों की बात को ध्यान से सुनें। इससे उनकी जानकारी बढ़ेगी। साथ ही विधानसभा की कार्रवाई के बारे में भी ज्ञान बढ़ेगा तथा जनता के मुद्दों को गंभीरता सदन में उठा पाएंगे। उन्होंने सदन की गरिमा बनाए रखने के लिए अध्यक्ष की बात मानने व तय समय सीमा का पालन करने जैसी बातें भी बताईं।प्रशिक्षण कार्यक्रम में पूर्व सीएम भूपेंद्र सिंह ने भी अपने अनुभव साझा किए और कहा कि विधानसभा प्रजातंत्र का सर्वोच्च मंदिर है। सभी सदस्य लाइब्रेरी में समय जरूर बिताएं। विधायक बनना ही काफी नहीं होता, इससे आगे क्या करना है, किस तरह से आमजन की आवाज उठानी है, इस बात का ध्यान रखना जरूरी है। उन्होंने विधायकों को शालीनता भरा व्यवहार रखने का आह्वान किया।
विधानसभा अध्यक्ष ने कहा कि विधायिका का अंतिम लक्ष्य लोक कल्याण है। लोकतांत्रिक व्यवस्था की सफलता काफी हद तक इस बात पर निर्भर करती है कि जनप्रतिनिधि अपने कर्तव्यों और जिम्मेदारियों का निर्वहन कैसे करते हैं। लोग अपेक्षा करते हैं कि उनके प्रतिनिधि उनके अधिकारों की रक्षा करते हुए विकास को रफ्तार देंगे। संसदीय लोकतंत्र को व्यावहारिक रूप से सफल बनाने के लिए जनप्रतिनिधियों की कर्तव्यनिष्ठा बहुत मायने रखती है। विस अध्यक्ष ने विश्वास जताया कि सभी विधायक जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेंगे।पीआरएस लेजिस्लेटिव रिसर्च के विशेषज्ञ चक्षु राय ने कहा कि हरियाणा की समृद्धि और विकास में विधायिका का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। सदन में विधायकों के आचरण से ही इसकी गरिमा बढ़ती है। उन्होंने कहा कि जन कल्याण के विषयों पर सार्थक चर्चा से विधायक अपनी संवैधानिक जिम्मेदारी निभा सकते हैं।
उन्होंने सदन को सुचारू रूप से चलाने के अनेक टिप्स भी विधायकों के साथ साझा किए। उन्होंने कहा कि आलोचना विचारों की होनी चाहिए, व्यक्तियों की नहीं। सत्र से पहले लिया तैयारियों का जायजा-विधानसभा अध्यक्ष हरविंद्र कल्याण ने बुधवार 13 नवंबर से शुरू हो रहे विधानसभा के तीन दिवसीय सत्र से पहले मंगलवार को विधानसभा परिसर पहुंच कर तैयारियों का जायजा लिया। उन्होंने सीआईडी चीफ आलोक मित्तल के साथ सुरक्षा मानकों पर चर्चा की और आवश्यक निर्देश जारी किए। इस बीच आलोक मित्तल ने सुरक्षा संबंधी किए गए इंतजामों के बारे में जानकारी दी। विधानसभा अध्यक्ष ने बताया कि सत्र को लेकर सभी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।