चंडीगढ़ – हरियाणा की जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ त्वरित और समयबद्ध व पारदर्शी तरीके से न देने के मामलों पर संज्ञान लेते हुए नायब सरकार एक्शंन मोड में नजर आई। मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी ने शनिवार को शहरी स्वामित्व योजना लागू करने में देरी होने के कारण 2 संयुक्त आयुक्तों, 2 उप नगर आयुक्तों और एक एग्जीक्यूटिव ऑफिसर का 15 दिन का वेतन काटने के आदेश दिए हैं। इसके अलावा, गुरुग्राम नगर निगम के क्लर्क संदीप को 50,000 रुपये की रिश्वत माँगने के एक मामले में तुरंत प्रभाव से सस्पेंड किया गया।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री आवास पर चल रहे सीएम डैशबोर्ड सेल से प्रत्येक विभाग की अलग-अलग स्कीमों को मॉनिटर किया जाता है। इसी कड़ी में एक कन्फर्मेशन सेल द्वारा लाभार्थियों से फोन पर बात कर उनका फीडबैक लिया जाता है, जिसे मुख्यमंत्री स्वयं समय-समय पर सुनते हैं। स्कीमों के लागू होने के बाद नागरिकों से उनका अनुभव पूछा जाता है और उसके तहत अधिकारियों को बैठक में दिशा-निर्देश दिए जाते हैं। शुक्रवार को कन्फर्मेशन सेल द्वारा जब शहरी स्वामित्व योजना के बारे में लाभार्थियों से पूछा गया तो कुछ गंभीर मामले सामने आए। गुरुग्राम के एक केस में एक लाभार्थी द्वारा पूरी राशि जमा करवाने के बावजूद दो साल से चक्कर लगवाए जा रहे थे और संदीप, क्लर्क ने 50,000 रुपये की रिश्वत मांगी थी। इस पर मुख्यमंत्री ने कड़ा संज्ञान लिया और भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाते हुए संदीप कुमार को तुरंत प्रभाव से सस्पेंड कर दिया।
अंबाला, सोनीपत और नूह में नागरिकों ने कन्फर्मेशन सेल को फ़ोन पर बताया कि एक साल पहले पूरी राशि जमा करवा दी थी, मगर अधिकारियों ने अभी तक कन्वेयन्स डीड नहीं करवाई और बार बार दफ्तर के चक्कर लगवाए। मुख्यमंत्री ने तुरंत सभी संबंधित अधिकारियों की आधे महीने की तनख्वाह काटने के निर्देश जारी करवाए और कहा कि सरकार की योजनाओं को लागू करने में कोताही बरतने पर किसी भी अधिकारी को बख्शा नहीं जायेगा। मुख्यमंत्री के आदेशों पर शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव द्वारा नगर निगम गुरुग्राम के संयुक्त आयुक्त अखिलेश यादव, नगर निगम अंबाला के संयुक्त आयुक्त पुनीत व उप नगर आयुक्त दीपक सूरा, नगर निगम सोनीपत के उप नगर आयुक्त हरदीप तथा नगर निगम नूंह के एग्जीक्यूटिव ऑफिसर अरुण नांदल का 15 दिन का वेतन काटा गया है।
मुख्यमंत्री द्वारा स्पष्ट निर्देश दिए गए हैं कि पूरी राशि का भुगतान होने के 2 दिन के भीतर कन्वेयन्स डीड का निष्पादन सुनिश्चित किया जाए। शहरी स्थानीय निकाय विभाग के आयुक्त एवं सचिव द्वारा अधिकारियों को अगले 3 दिनों में शहरी स्वामित्व योजना के तहत लंबित मामलों में कन्वेयन्स डीड का निष्पादन सुनिश्चित कर रिपोर्ट सौंपने के निर्देश दिए गए हैं। इसके अलावा, 100 ऐसे मामले, जिनमें पूरी राशि का भुगतान किया जा चुका है, उनकी कन्वेयन्स डीड का निष्पादन भी 14 नवंबर, 2024 तक पूरा किया जाए। इतना ही नहीं, 2152 लंबित मामलों पर भी आगामी 10 दिनों में कार्रवाई करने के निर्देश दिए गए हैं।