Health Time : स्वस्थ शरीर के लिए मजबूत दांतों की जरुरत होती है क्योंकि तभी हम भोजन को ठीक से चबा सकते हैं। इसी लिए बचपन से ही बच्चों को दांतों की देखभाल के लिए जागरुक करना चाहिये। इस दौरान ये भी देखना होगा कि बच्चे सही तरीके से ब्रश करें। इसके अलावा उनके लिए सही ब्रश भी खरीदें।जिससे दांतों के अंदर छिपे कीटाणुओं तथा भोजन के कणों की सफाई की जा सके। अपने टूथब्रश पर ध्यान देने की जरूरत होती है। यह जरूरी नहीं की फैंसी और महंगा टूथब्रश आपके मुख के स्वास्थ्य लिए अच्छा ही हो। टूथ ब्रश ऐसा होना चाहिए जो 45 डिग्री तक दांतों तक घूम सके और छोटी-छोटी जगहों पर पहुंच कर दांतों को साफ कर पाये। साथ ही ब्रश नरम भी होना चाहिए।
स्वस्थ दांतों के लिए दिन में दो बार ब्रश करें। इसलिए बच्चों को सुबह सवेरे दो मिनट और रात को सोने से पहले दो मिनट रोजाना ब्रश करने की आदत डालें। ब्रश करने का मतलब ये नहीं कि बहुत सारा टूथपेस्ट लें बल्कि पेस्ट की दो बूंद भी काफी है।सोने से पहले करें फ्लॉस- रोजाना सोने से पहले दांतों को फ्लॉस करें। इससे दांतों में छुपा खाना और प्लैक बाहर निकल जाएगा। रोजाना फ्लॉस करना मुंह की सफाई का सबसे जरूरी हिस्सा है। जिन लोगों के दांतों में गैप है उनके लिए फ्लॉस और भी जरूरी हो जाता है। हालांकि इस दौरान मसूडों का भी ध्यान रखन चाहिये बच्चे दांत के साथ ही जीभ को साफ करें। ये खराब महक ओर बैक्टीरिया से भी बचाता है। साथ ही बहुत सारा पानी पीएं इससे भी सांसों की बदबू से छुटकारा मिलेगा।
समय समय पर बच्चों के दांतो की जांच करायें। दांतों को ठीक रखने के लिए साल में कम से कम एक बार डेंटल चेकअप जरूर करवाएं। दांतों में दर्द होने पर डेंटिस्ट के पास जाते हैं पर तब तक कैवेटी बहुत बढ़ जाती है। इसलिए नियमित जांच कराकर इससे बचें। बच्चों को अधिक चाकलेट नहीं देनी चाहिये क्योंकि इससे दांत खराब होते हैं। इसके अलावा बच्चों का ब्रश नरम भी होना चाहिये। ये उनके हाथ में आये और आसानी से मुंह में सभी दांतों तक पहुंच पाये। तीन महीने में बच्चों का ब्रश जरूर बदल लें। जानकारों के अनुसार फ्लुओराइड बेस्ड पेस्ट दांतों के लिए सबसे अच्छा है।