चंडीगढ़ : पंजाब के राजस्व, पुनर्वास एवं आपदा प्रबंधन मंत्री ब्रम शंकर जिम्पा ने बताया है कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान के नेतृत्व वाली सरकार द्वारा बाढ़ों के कारण खराब हुई फसलों के मुआवज़े के लिए 11 सितम्बर तक 48 करोड़ 26 लाख 62 हज़ार 352 रुपए की राशि किसानों के बैंक खातों में डाली जा चुकी है। उन्होंने बताया कि मुख्यमंत्री ने धान की खऱाब हुई पनीरी और अन्य फसलों के नुकसान के लिए किसानों को राहत राशि के रूप में 188 करोड़ 62 लाख 63 हज़ार रुपए की राशि राजस्व विभाग को जारी की थी।
उन्होंने बताया कि यह पहली बार है जब कोई सरकार धान की खऱाब हुई पनीरी के लिए प्रति एकड़ 6800 रुपए मुआवज़ा राशि दे रही है। जिम्पा ने बताया कि जुलाई महीने में बाढ़ के खतरे की रिपोर्टें मिलते ही 33.50 करोड़ रुपए अग्रिम राहत के तौर पर जारी कर दिए गए थे। इसके बाद समय-समय पर प्रभावित जि़लों को राहत राशि जारी होती रही है।आपदा प्रबंधन मंत्री ने आगे बताया कि सभी डिप्टी कमिश्नरों को पहले ही हिदायतें जारी की जा चुकी हैं कि राहत राशि हकदार किसानों को पूरी पारदर्शी और परेशानी मुक्त तरीके से बाँटी जाये। इसके अलावा मुआवज़ा देने सम्बन्धी कोई सिफ़ारिश या प्रभावशाली लोगों का पक्ष न लिया जाये और केवल सही व्यक्ति को मेरिट के आधार पर मुआवज़ा दिया जाये।
डिप्टी कमिश्नर गिरदावरी रिपोर्टों के हिसाब से किसानों को राहत राशि दे रहे हैं। अलग-अलग जि़लों से मिली रिपोर्टों के अनुसार पटियाला जि़ले के प्रभावित किसानों के बैंक खातों में अब तक 25 करोड़ 22 लाख 73 हज़ार 942 रुपए की मुआवज़ा राशि डाली जा चुकी है। संगरूर जि़ले के किसानों को 7 करोड़ 35 लाख 38 हज़ार 856 रुपए, फिऱोज़पुर में 5 करोड़ 9 लाख 3028 रुपए, जालंधर में 5 करोड़ 6 लाख 9285 रुपए, तरन तारन में 5 करोड़ 42 लाख 44 हज़ार 331 रुपए, मानसा में 4 करोड़ 74 लाख 8871 रुपए, फाजिल्का में 1 करोड़ 36 लाख 64 हज़ार 615 रुपए और फतेहगढ़ साहिब जि़ले के किसानों के बैंक खातों में 1 करोड़ 32 लाख 16 हज़ार 224 रुपए मुआवज़ा राशि डाली जा चुकी है।
जिम्पा ने कहा कि पंजाब सरकार के पास राहत राशि के लिए फंडों की कोई कमी नहीं है। राज्य के आपदा प्रबंधन के लिए स्थापित किये गए रिलीफ फंड में काफ़ी पैसा पड़ा है, परन्तु केंद्र सरकार द्वारा नियमों में कोई ढील न दिए जाने के कारण केवल उतनी राशि ही प्रभावित किसानों को दी जा रही है जितनी केंद्र सरकार के नियम आज्ञा देते हैं। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान इस संबंधी केंद्र सरकार को पत्र भी लिख चुके हैं परन्तु अभी तक कोई सकारात्मक स्वीकृति नहीं मिली है।