मंगलुरु। कर्नाटक के मंगलुरु में मंकीपॉक्स का पहला केस दर्ज किया है। स्वास्थ्य अधिकारियों ने कहा है कि उडुपी जिले के करकला तालुक में रहने वाले 40 वर्षीय मरीज की हालत स्थिर है उसे कोई गंभीर परेशानी नहीं है। उन्होंने कहा कि 17 जनवरी को दुबई से आए इस मरीज को जल्द ही छुट्टी दे दी जाएगी। अधिकारियों ने लोगों से अपील की है कि वह घबराएं नहीं।
एक बयान में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण के प्रधान सचिव और एकीकृत रोग निगरानी कार्यक्रम के निदेशक अंसार अहमद ने लोगों को आश्वस्त किया कि यह बीमारी ज्यादातर मामलों में हल्की और सीमित है। उन्होंने कहा कि लोगों को घबराना नहीं चाहिए, क्योंकि यह बीमारी मुख्य रूप से निकट या घनिष्ठ संपर्क से फैलती है और यह कोविड-19 जितनी संक्रामक भी नहीं है। इसके लक्षणों में आमतौर पर त्वचा पर चकत्ते, बुखार, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द और ठंड लगना शामिल हैं।
अधिकारियों ने उच्च जोखिम वाले देशों की यात्रा करने वाले लोगों या पुष्टि वालों मामलों के निकट संपर्क में रहने वाले लोगों को इनमें से किसी भी तरह का लक्षण पाए जाने पर चिकित्सा सलाह लेने की सलाह दी है। मंकीपॉक्स का उपचार बुखार और शरीर के दर्द जैसे लक्षणों को कम करने पर केंद्रित है, साथ ही संक्रमित घावों से होने वाले द्वितीयक संक्रमणों के लिए एंटीबायोटिक्स का इस्तेमाल किया जाता है। पर्याप्त हाइड्रेशन, पोषण और विश्राम सुनिश्चित करना भी अहम है।