रायगढ़ । कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने आज सोमबार को जन नायक चौक में लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि देश में नफरत और हिंसा के लिए बीजेपी और मोदी सरकार जिम्मेदार है। नफरत और हिंसा फैलाने वाले राष्ट्र हितैषी नही हो सकते। आज राहुल गांधी ने जन नायक चौक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना साधते हुए कहा कि आज देश में जो भी हिंसा फैल रही है उसकी वजह बीजेपी और नरेंद्र मोदी की सरकार है। देश के आमजन के साथ अन्याय हो रहा है। उन्होंने कहा कि मणिपुर में दो समुदाय के लोगों को आपस में भिड़ा कर हिंसा की आग में झोंक दिया गया।
मणिपुर जल रहा, लेकिन पीएम मोदी वहां नहीं गए। मुझे भी वहां जाने से रोक दिया गया। उन्होने कहा की देश के किसान, गरीब, पिछड़े वर्ग के लोग, आदिवासी, दलित महिलाओं के साथ लगातार अन्याय हो रहा है। यह अन्याय आर्थिक और सामाजिक दोनों ही रूप में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश में अन्याय का बीज बोकर नफरत और हिंसा फैलाने का काम किया जा रहा है। इसी बीच सभा में उपस्थित बच्चों से राहुल गांधी ने पूछा, कि आप अन्याय वाले हिंदुस्तान में रहना चाहते हैं या न्याय वाले हिंदुस्तान में? इस सवाल पर बच्चों समेत उपस्थित लोगों ने बुलंद आवाज में कहा, न्याय वाले हिंदुस्तान में रहना चाहते हैं।
इसी सभा में बैठी एक बच्ची ने कहा, कि मैं भारत में इसलिए रहना चाहती हूं कि मुझे अपने देश से बहुत प्यार है। इस बात पर राहुल गांधी ने कहा, कि जो बात देश के प्रधानमंत्री मोदी को आज तक समझ नहीं आई, वो बात इस बच्ची ने दो लाइन में कह दिया। उन्होंने आगे कहा कि जो लोग देश में नफरत फैलाते हैं वो राष्ट्र प्रेमी नहीं होते हैं। यहां पर राहुल गांधी ने युवाओं को केंद्र में रखते हुए कहा कि पहले कभी हिंदुस्तान के इतिहास में नहीं हुआ होगा जो प्रधानमंत्री मोदी ने किया, जिन युवाओं ने पांच साल मेहनत किया, पसीना बहाया, उन्हें सेना में नौकरी नहीं दी। एक लाख, 50 हजार युवा भटक रहे हैं। सेना में उनकी भर्ती हो गई थी, बाद में उनकी भर्ती रद्द कर दी गई और कह दिया गया कि हम नहीं लेंगे। हिंदुस्तान के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है।
राहुल गांधी ने कहा कि पहले आदिवासियों को हम आदिवासी ही कहते थे और जल, जंगल, जमीन पर पहला कब्जा उन्हीं का मानते थे, लेकिन पीएम मोदी कहते हैं कि तुम आदिवासी नहीं हो, तुम जंगल में रहते हो वनवासी हो, जल, जंगल, जमीन पर तुम्हारा कोई अधिकार नहीं है। जातिगत जनगणना के संबंध में राहुल गांधी ने कहा कि मैंने लोकसभा में आवाज उठाते हुए कहा कि देश में जातिगत जनगणना होनी चाहिए, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने मना कर दिया, कहा इसकी जरूरत नहीं है। आखिर फिर कैसे पता चलेगा कि देश में कितने पिछड़े है, कितने दलित हैं, कितने आदिवासी हैं। किसके पास क्या है, किसके पास कितनी नौकरियां, किसकी देश में कितनी भागीदारी है। पीएम मोदी नहीं चाहते कि पिछड़ों को यह पता लगे कि उनकी आबादी कितनी है, देश में उनकी भागीदारी कितनी है।