रांची: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू रांची के नामकुम में स्थित राष्ट्रीय कृषि उच्चतर प्रसंस्करण संस्थान (आईसीएआर) के शताब्दी समारोह में मुख्य अतिथि के रूप शामिल हुई। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि झारखंड से उनका विशेष लगाव रहा है और यह भगवान बिरसा मुंडा की धरती मेरे लिए तीर्थ स्थल है।उन्होंने आगे कहा कि झारखंड के राज्यपाल के अपने कार्यकाल के दौरान वह 2017 में इस संस्थान में आ चुकी हैं। हमारे देश के कई राज्यों में लाह का उत्पादन होता है। भारत में लाह का उत्पादन मुख्य रूप से जनजातीय समुदाय द्वारा किया जाता है।
इस संस्थान में लाह के साथ-साथ कई उत्पाद किए जा रहे हैं। यह गर्व की बात है कि झारखंड में इसका उत्पादन देश के कुल उत्पादन का 55 फीसदी है। उन्होंने कहा कि एसएजी समूह की बहनें बहुत मेहनती हैं जो कृषि के साथ अन्य उत्पाद से जुड़ी हुई हैं। महिलाएं सब्जी उत्पादन करती हैं, लेकिन उसे फ्रिजिंग करने की जरूरत है ताकि सब्जियां खराब न हो। आज का दौर आधुनिक तकनीक का है इसका इस्तेमाल करना है लेकिन इसके दुष्प्रभाव से भी बचना है। अभी भी अनेक क्षेत्र हैं जहां हम और आगे जा सकते हैं। लाह के उत्पादन, सप्लाई चैन और मार्केटिंग में सुधार किया जाए तो हम लाह की खेती में और आगे बढ़ सकते हैं।