इंफाल । कांग्रेस नेता राहुल गांधी गुरुवार को हिंसा प्रभावित मणिपुर के दो दिवसीय दौरे पर इंफाल पहुंचे। इस दौरान पुलिस ने उनका काफिला रोक दिया। लेकिन राहुल गांधी ने हिंसा ग्रस्त लोगों से मिलने की जिद की तो पुलिस ने उन्हें आगे जाने दिया। गौरतलब है कि राहुल गांधी 29 और 30 जून को मणिपुर में रहेंगे। इस दौरान उनका राहत शिविरों का दौरा करने और इंफाल और चुराचांदपुर में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों के साथ बातचीत करने का कार्यक्रम है।
मणिपुर में जातीय संघर्ष शुरू होने के बाद से 300 से अधिक राहत शिविरों में करीब 50,000 लोग रह रहे हैं। राहुल गांधी विस्थापित लोगों से मिलने पहुंचेंगे। लगभग दो महीने पहले 3 मई को अनुसूचित जनजाति (एसटी) की सूची में मैतेई को शामिल करने की मांग का विरोध हुआ था। ऑल ट्राइबल स्टूडेंट्स यूनियन (एटीएसयू) ने रैली आयोजित निकाली, इस दौरान झड़प हुई थी। यह झड़प बढ़ी और मणिपुर जातीय हिंसा की आग में जल उठा। मणिपुर जातीय हिंसा में 100 से अधिक लोगों की मौत हो चुकी है।
इधर कांग्रेस महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक ट्वीट में कहा कि राहुल गांधी राहत शिविरों का दौरा करेंगे और जातीय संघर्ष से विस्थापित लोगों से मिलेंगे। वह इंफाल और चुराचांदपुर में नागरिक समाज के प्रतिनिधियों से भी बातचीत करेंगे। इस दौरान पीड़ितों से मिलने जा रहे राहुल गांधी का काफिला विष्णुपुर में रोका गया। राहुल गांधी इंफाल एयरपोर्ट से निकलकर चुराचांदपुर की तरफ जा रहे थे। इंफाल से 20 किमी दूर पुलिस ने उन्हें रोक दिया। बताया जा रहा है कि राहुल गांधी को वहां जाने से रोका गया लेकिन वह जाने पर अड़ गए। थोड़ी देर बाद पुलिस ने उन्हें वहां से जाने दिया। बता दें कि मणिपुर हिंसा की आग में लगभग दो महीने से जल रहा है।
कांग्रेस संसदीय दल की अध्यक्ष सोनिया गांधी ने राज्य में शांति और सद्भाव की अपील करते हुए कहा कि मणिपुर में लोगों के जीवन को तबाह करने वाली अभूतपूर्व हिंसा ने हमारे राष्ट्र की अंतरात्मा पर गहरा घाव छोड़ दिया है। कांग्रेस हिंसा से निपटने के तरीकों को लेकर केंद्र और मणिपुर राज्य दोनों में भाजपा सरकारों पर तीखे हमले कर रही है। कांग्रेस पहले ही मुख्यमंत्री एन बीरेन सिंह को हटाने की मांग कर चुकी है। विपक्षी दलों ने हिंसा पर सर्वदलीय बैठक में इस मामले पर पीएम नरेंद्र मोदी की चुप्पी पर सवाल उठाए थे। इससे पहले 24 जून को गृह मंत्री शाह ने दिल्ली में सर्वदलीय बैठक की थी और राज्य में शांति बहाल करने का आश्वासन दिया था।