कोलकाता : कलकत्ता उच्च न्यायालय की एकल-न्यायाधीश की पीठ ने गुरुवार दोपहर कालियागंज में एक नाबालिग लड़की के बलात्कार और हत्या मामले में बंगाल सरकार से रिपोर्ट मांगी है, जिसका शव 21 अप्रैल को स्थानीय लोगों ने पता लगाया था। मामले में केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) जांच के लिए पीड़िता के पिता की याचिका पर सुनवाई कर कलकत्ता उच्च न्यायालय के न्यायमूर्ति राजशेखर मंथा ने ममता सरकार को रिपोर्ट की एक प्रति राष्ट्रीय आयोग को बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए प्रस्तुत करने का भी निर्देश दिया। जस्टिस मंथा के आदेश के मुताबिक पीड़िता के शव के पोस्टमॉर्टम की प्रक्रिया की वीडियो-रिकॉडिग और तस्वीरें फिर से पेश करनी होंगी ।
याचिकाकर्ता के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि पीड़िता के शव को पुलिसकर्मी घसीट कर ले गए। याचिकाकर्ता के वकील ने तर्क दिया, पीड़ित परिवार को अभी तक पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट नहीं दी गई है। अंतिम संस्कार किया जाना बाकी है। ऐसी स्थिति में राज्य पुलिस की जांच पर भरोसा करना लगभग असंभव है। राज्य सरकार पहले ही पीड़िता के शव को घसीटने के आरोप में सहायक उप निरीक्षक के पद के चार पुलिसकर्मियों को निलंबित कर चुकी है। राज्य सरकार के वकील ने अदालत को बताया कि 20 अप्रैल को पीड़िता और स्थानीय युवक लापता हो गए थे। राज्य सरकार के वकील ने कहा, पुलिस ने उनकी तलाश शुरू की। अगले दिन पीड़िता का शव इलाके में एक तालाब के किनारे मिला।
उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार के सदस्यों ने पुलिस का सहयोग नहीं कर आंदोलन करना शुरू कर दिया और यहां तक कि शव का अंतिम संस्कार करने की भी कोशिश की। उन्होंने कहा कि पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट से पता चलता है कि शरीर में जहर के निशान थे और बलात्कार का कोई निशान नहीं था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद, न्यायमूर्ति मंथा ने कहा कि अदालत पूरे मामले को देखेगी, जबकि राज्य सरकार को अदालत और एनसीपीसीआर दोनों को एक विस्तृत रिपोर्ट पेश करने के लिए कहा। सुनवाई की अगली तिथि 2 मई निर्धारित की गई है।