नई दिल्ली। हवाई यात्रा के दौरान बार-बार उद्दंडता करने वाले यात्रियों को जैसे ‘नो फ्लाई लिस्ट’ में डाल दिया जाता है, वैसे ही अब रेलवे भी उद्दंड यात्रियों को ट्रेन में सफर न करने देने के लिए एक सिस्टम बनाने पर विचार कर रहा है। ट्रेनों में अकेले सफर करने वाली महिलाओं के साथ छेड़खानी की घटनाएं बढ़ने पर यात्री सुरक्षा को लेकर काफी गंभीर हो गया है। ट्रेनों में आदतन अपराधियों की पहचान कर उन्हें सफर करने से रोकने के लिए पुख्ता सिस्टम अगले कुछ महीनो में लागू हो सकता है।
आदतन अपराधियों पर ट्रेन में यात्रा करने पर प्रतिबंध लग सकता है। रेलवे अपराध और शिकायत की गंभीरता के आधार पर 3 महीने, छह महीने, एक साल या फिर हमेशा के लिए प्रतिबंधित यात्रियों की श्रेणी में डाल सकता है। यात्रा से प्रतिबंधित किया गया व्यक्ति अगर यात्रा करता पाया जाएगा तो उसे जीआरपी ट्रेन में से बीच सफर में ही उतार देगी। रेलवे महिला यात्रियों की सुरक्षा के लिए ‘मेरी सहेली’अभियान चला रहा है। इसमें अकेले सफर करने वाली महिलाओं का ध्यान रखा जाता है। जिन ट्रेनों में महिलाएं अकेले सफर करती हैं, उनका डेटा रेलवे जीआरपी को देता है। जीआरपी शुरुआती स्टेशन से आखिरी स्टेशन तक मॉनिटरिंग करता है।
ट्रेनों में महिलाओं से छेडखानी या अभद्रता करने वाले यात्रियों का डिजिटल डेटा बनाया जाएगा। अभी तक अभद्रता की जो शिकायतें मिली हैं, उनके आधार पर आरोपियों का नाम, पता, उम्र, चेहरा सहित अन्य रिकार्ड डिजिटल फार्मेट में जुटाया जाएगा।यात्रियों पर नजर रखने के लिए बडे स्टेशनों और ट्रेनों में चेहरे पहचानने वाले कैमरे लगाए जाएंगे। भारतीय रेलवे के पास बार-बार ट्रेन में खराब व्यवहार या अपराध करने वाले व्यक्तियों का डेटा होगा। बडे रेलवे स्टेशनों और चुनिंदा ट्रेनों में लगे फेस रिकग्निशन कैमरे लगे होंगे। जैसे ही आदतन अपराधी रेलवे स्टेशन या ट्रेन में पहुंचेगा तो चेहरे पहचानने वाले कैमरे चेहरा और विवरण से उसकी पहचान कर लेंगे और जीआरपी को अलर्ट भेज देंगे।